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Written By BBC Hindi
Last Modified: शनिवार, 6 जुलाई 2024 (08:40 IST)

ब्रिटेन चुनाव: हार के बाद ऋषि सुनक के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा?

ब्रिटेन चुनाव: हार के बाद ऋषि सुनक के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा? - UK election : what will be rishi sunak political future
UK election : शुक्रवार को ब्रिटेन में हुए आम चुनावों के नतीजे आए और 14 सालों के बाद यहां लेबर पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इसके बाद अब लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। वहीं एंगेला रेनर को देश का नया डिप्टी प्रधानमंत्री बनाया गया है। 650 सीटों वाली ब्रिटेन की संसद में लेबर पार्टी ने 412 सीटें जील ली हैं जो बहुमत के आंकड़े 326 से कहीं ज़्यादा है।
 
वहीं चुनाव के नतीजों से सत्ता में क़ाबिज़ कंज़र्वेटिव पार्टी को बड़ा झड़का लगा है। ये झटका ऋषि सुनक के लिए भी है जिनके नेतृत्व में चुनाव हो रहा था। कंज़र्वेटिव को सिर्फ़ 121 सीटों पर जीत मिली है और पिछले चुनाव के मुक़ाबले पार्टी को 250 सीटों का नुक़सान हुआ है। उसके लिए ये करारी हार है।
 
विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने बीबीसी से कहा, "बड़ी संख्या में वो लोग जो पहले कंज़र्वेटिव पार्टी को वोट दिया करते थे उन्होंने रिफॉर्म पार्टी के लिए वोट दिया है। कंज़र्वेटिव्स को अब ये सोचना होगा कि वो इनका भरोसा कैसे वापिस जीते।"
 
ऋषि सुनक ने ली हार की ज़िम्मेदारी
हार के बाद प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर ऋषि सुनक के आख़िरी बार पत्रकारों को संबोधित किया और कहा कि मतदाताओं ने साफ़ संकेत दिया है कि सरकार बदलनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा, "मैं सबसे पहले महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं, मुझे माफ़ कर दीजिए। मैंने इस काम में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है लेकिन आपने स्पष्ट संकेत दिया है कि यूके की सरकार को बदलना होगा। आपका निर्णय ही एकमात्र ऐसा निर्णय है जो मायने रखता है। मैं इस नुक़सान की ज़िम्मेदारी लेता हूं।"
 
इस बयान के बाद ऋषि सुनक ने बकिंघम पैलेस पहुंच कर किंग चार्ल्स से मुलाक़ात की और अपना इस्तीफ़ा सौंपा।
 
लेकिन ऋषि सुनक ने केवल पीएम का पद छोड़ा ऐसा नहीं है। ऋषि सुनक ने कहा है कि वो आगे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर भी काम नहीं करेंगे।
 
उन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं से माफ़ी मांगी और कहा, "आपने कड़ी मेहनत की है लेकिन हमें जीत नहीं मिल सकी। इस नतीजे के बाद मैं पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफ़ा दूंगा, हालांकि मैं इस्तीफ़ा अभी नहीं दूंगा और नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक का इंतज़ार करूंगा।"
 
आगे क्या करेंगे ऋषि सुनक?
लंदन में मौजूद बीबीसी संवाददाता राघवेंद्र राव ने बीबीसी संवाददाता मोहम्मद शाहिद को बताया, "बीते 14 सालों में देश ने पांच प्रधानमंत्री देखे और यहां लोगों में रोष था और थकान हो गई थी। लोग बदलाव चाहते थे।"
 
वो कहते हैं कि लोगों ने लेबर पार्टी को मैन्डेट तो दिया है लेकिन किएर स्टार्मर के लिए भी आगे की राह आसान नहीं होगी क्योंकि यहां कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार को कदम उठाने होंगे।
 
ऋषि सुनक के भविष्य पर राघवेंद्र कहते हैं, "ये बात तय है कि कंज़र्वेटिव पार्टी में आने वाले वक्त में हम एक नए नेता का उदय देखेंगे। लेकिन सुनक क्या करेंगे ये कहना अभी मुश्किल है।"
 
"वो पहले भारतीय मूल के व्यक्ति थे जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने और इसे लकर गर्व भी जताया गया। लेकिन लेकिन अब इसे एक कलंक की तरह देखा जा रहा है कि उनके नेतृत्व में कंज़र्वेटिव पार्टी को इतनी बड़ी शिकस्त मिली है। कहा जा रहा है कि ये एक ऐसा आरोप है जिसे मिटा पाना खुद उनके लिए बेहद मुश्किल होगा।"
 
वहीं ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त रही रुचि घनश्याम ने बीबीसी संवाददाता मोहम्मद शाहिद वो बताया कि ऋषि सुनक जब प्रधानमंत्री बने उस समय यूके बहुत मुश्किल वक़्त से गुज़र रहा था।
 
वो कहती हैं, "शुक्रवार की दोपहर को 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर अपने आख़िरी भाषण में उन्होंने कहा कि उन्होंने अर्थव्यवस्था को स्थिर किया, महंगाई कम की और विकास की रफ़्तार को बढ़ाया। इस नज़रिए से उनका भाषण अच्छा था क्योंकि उन्होंने आने वाले प्रधानमंत्री के बारे में भी अच्छी बातें कहीं।"
 
वो कहती हैं, "वो युवा हैं, अच्छे व्यक्ति हैं, उन्होंने अपने अच्छे गुणों को दिखाया है। जैसा उन्होंने कहा है, जब तक पार्टी का नया नेता चुना जाता, वो कंज़र्वेटिव्स पार्टी का नेतृत्व करेंगे।"
 
"लेकिन पार्टी का सदस्य होने के साथ-साथ वो सांसद भी हैं। आगे क्या भविष्य होगा वो वक़्त ही बताएगा।"
 
वहीं भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी के पूर्व सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई ने बीबीसी संवाददाता सारिका सिंह से कहा, "ऋषि सुनक नेता नहीं हैं बल्कि तकनीकी व्यक्ति हैं एक बैंकर हैं। लोंगों के साथ उनका कनेक्ट आसानी से नहीं होता था।"
 
"एक तरफ ये देखिए कि इन्होंने काम तो किया, लेकिन वादे नहीं पाए, तो दूसरी तरफ इन्हें काम करने का पांच साल का मौक़ा भी नहीं मिला। आगे वो क्या करेंगे ये वक्त ही बताएगा।"
 
बधाई संदेश और उम्मीदें
लेबर पार्टी की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके किएर स्टार्मर को बधाई देते हुए कहा, 'वो भारत और ब्रिटेन के बीच रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग की आशा करते हैं।'
 
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ऋषि सुनक के नेतृत्व की तारीफ़ करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
 
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, 'एक स्थिर और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है। साथ ही वैश्विक शांति, चुनौतियों और विकास के लिए साथ जवाब देने की ज़रूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटेन के साथ आपसी सम्मान और सहयोग के आधार पर काम करेंगे तथा द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर ले जाएंगे।'
 
जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शुल्त्ज़, नैटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने भी किएर स्टार्मर को बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार के साथ मिलकर काम करना जारी रहेगा।