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Written By BBC Hindi
Last Updated : रविवार, 24 जुलाई 2022 (09:01 IST)

ऋषि सुनक ने कैंपेन के बीच ख़ुद को बताया कमतर

ऋषि सुनक ने कैंपेन के बीच ख़ुद को बताया कमतर - Rishi Sunak campaign in British PM election
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने कहा है कि वो इस दौड़ में कमतर हैं और पार्टी में कुछ ताक़तें उनकी प्रतिद्वंद्वी लिज़ ट्रस को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। शनिवार को ग्रांथम शहर में एक भाषण में सुनक ने कहा ''मुझे कोई शक़ नहीं है कि मैं कमतर हूँ'' और कंजर्वेटिव पार्टी में कुछ ताक़तें चाहती हैं कि इस चुनाव में ट्रस प्रधानमंत्री चुनी जाएं।
 
उन्होंने कहा, ''ताक़तें चाहती हैं कि इसमें दूसरे उम्मीदवार को पद सौंपा जाए लेकिन मुझे लगता है कि सदस्य विकल्प चाहते हैं और वो सुनने के लिए तैयार हैं। ''
 
पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने लिज़ ट्रस का नाम लिए बिना अपने कई समर्थकों के बीच ये बातें कहीं जिनके हाथ में 'रेडी फॉर ऋषि' के नारे लिखे हुए साइन बोर्ड थे।
 
ऋषि सुनक ने ये तो नहीं बताया कि पार्टी में कौन उनका विरोध कर रहा है पर उन्होंने दोहराया कि वो पसंदीदा उम्मीदवार नहीं हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''मैं सामान्य रूप से बात कर रहा था लेकिन ये सही है कि मैंने इस प्रतियोगिता को कमतर स्थिति में शुरू किया है।''
 
अपने भाषण के दौरान ऋषि सुनक ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना (एनएचएस), अप्रवासन और महंगाई जैसे मुद्दे उठाए और लोगों से वादे भी किए। उन्होंने अपने भाषण के दौरान एनएचएस में बैकलॉग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एनएचएस सुरक्षित हाथों में रहेगी।
 
एनएचएस में बैकलॉग उन मरीज़ों की संख्या को कहते हैं जो इलाज का इंतज़ार कर रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटेन में ऐसे मरीज़ों की संख्या 66 लाख से ज़्यादा हो गई गई है।
 
ऋषि सुनक ने कहा कि एनएचएस ने बैकलॉग इमर्जेंसी के बीच दशकों में सबसे बड़े संकट का सामना किया है। उन्होंने बैकलॉग से निपटने के लिए ''वैक्सीन स्टाइल की'' टास्क फोर्स बनाने का वादा किया। ऋषि सुनक की योजना है कि सितंबर 2024 तक इलाज के लिए एक साल के इंतज़ार के समय को ख़त्म किया जाए और अगले साल तक बैकलॉग की संख्या को कम किया जाए।
 
लिज़ ट्रस ने क्या कहा
वहीं, विदेश मंत्री लिज़ ट्रस ने अपने भाषण में शपथ ली कि अगर वो प्रधानमंत्री बनती हैं तो अगले साल के अंत तक ब्रेग्ज़िट के बाद मौजूद सभी यूरोपीय क़ानूनों की समीक्षा करेंगी।
 
उन्होंने वादा किया कि वो विकास में बाधा बनने वाले इन क़ानूनों को 2023 के अंत तक ख़त्म कर देंगी या बदल देंगी।
 
केंट काउंटी में कंजर्वेटिव पार्टी सदस्यों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए ये 'कठिन फ़ैसले' लेने का वक़्त है।
 
उन्होंने कहा, ''मैं ये सुनुश्चित करूंगी कि मेहनत करने वालों को पुरस्कृत किया जाए। मैं ये सुनुश्चित करूंगी कि कारोबारी ब्रिटेन में निवेश कर पाएं ताकि यहाँ इतनी नौकरियां और विकास हों कि हम अगला चुनाव जीत सकें और ब्रिटेन को आगे बढ़ा सकें।''
 
दोनों ही नेताओं ने अपने भाषण में प्रवासियों का मुद्दा भी उठाया। लिज़ ट्रस और ऋषि सुनक दोनों ने ही ब्रिटेन में अप्रवासन पर कड़ा नियंत्रण करने की क़सम खाई।
 
ऋषि सुनक ने कहा कि वो ब्रिटेन में शरण पाने के नियमों को कड़ा कर देंगे और शरणार्थियों की संख्या की सीमा भी निर्धारित करेंगे।
 
वहीं, लिज़ ट्रस ने कहा कि ब्रिटेन की रवांडा शरण योजना को विस्तार देंगे और सीमा सुरक्षा स्टाफ़ की संख्या में बढ़ोतरी करेंगे।
 
रवांडा योजना
इस साल अभी तक 14 हज़ार से ज़्यादा अप्रवासी इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन में दाखिल हो चुके हैं। इस तरह के अप्रवासन को कम करने के लिए अप्रैल में सरकार ने घोषणा की थी कि वो ब्रिटेन में अवैध तरीक़े से घुसकर शरण चाहने वाले लोगों को शरण के लिए रवांडा भेज देगी। हालांकि, कई क़ानूनी चुनौतियों के कारण किसी शरणार्थी को रवांडा नहीं भेजा गया है।
 
इस मामले पर चल रही सुनवाई में अगर अदालतों ने इस योजना को गैरक़ानूनी घोषित कर दिया तो ब्रिटेन के इस योजना के लिए रवांडा को दिये 12 करोड़ डॉलर डूब जाएंगे। दोनों ही नेताओं को उम्मीद है कि वो इस तरह के समझौते दूसरे देशों के साथ भी कर सकते हैं।
 
वहीं, ऋषि सुनक ने भी कहा कि नो रवांडा योजना को सफल बनाने के लिए कुछ भी करेंगे। उनकी योजना है कि शरण ना मिलने वालों और अपराधियों की वापसी में किसी देश के सहयोग के आधार पर ही ब्रिटेन अपनी सहायता, व्यापार की शर्तों और वीज़ा विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन करेगा।
 
उन्होंने ख़ुद को ''अप्रवासन का प्रोडक्ट'' बताते हुए कहा कि ब्रिटेन को सहानुभूति नहीं छोड़नी चाहिए लेकिन सख़्त ज़रूर होने चाहिए।
 
ऋषि सुनक ने बढ़ती महंगाई को ''हर किसी को ग़रीब बनाने वाला दुश्मन'' बताते हुए महंगाई कम करने की बात कही।
 
उन्होंने कहा कि देश को ''टैक्स के बारे में सच'' बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई पर नियंत्रण किए बिना वो टैक्स में कटौती नहीं कर सकते।
 
कौन आगे, कौन पीछे
कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए अब ऋषि सुनक और लिज़ ट्रस के बीच सीधा मुक़ाबला होना है।
 
कंजर्वेटिव सांसदों के बीच हुए अंतिम दौर के मतदान में ऋषि सुनक को सबसे अधिक 137 वोट मिले थे, जबकि लिज़ ट्रस को 113 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर पेनी मोर्डेंट को 105 मत मिले हैं। इस तरह मर्डोन्ट इस रेस से बाहर हो गईं थी।
 
इससे पहले मंगलवार को हुए चौथे दौर के मतदान में सुनक को 118 वोट तो लिज़ ट्रस को 86 वोट मिले थे।
 
अब दोनों ही उम्मीदवारों के बीच 25 जुलाई को बीबीसी पर आमने-सामने की बहस होगी। साथ ही देश भर में कंजर्वेटिव पार्टी के 1।6 लाख सदस्यों के बीच पोस्टल बैलेट के ज़रिए वोट करवाया जाएगा और पाँच सितंबर को नए प्रधानमंत्री की घोषणा की जाएगी।
 
लेकिन, इस चुनाव में ऋषि सुनक पिछड़ते नज़र आ रहे हैं। कंजरवेटिव पार्टी के 730 सदस्यों पर किए गए YouGov सर्वे में 62 प्रतिशत लोगों ने लिज़ ट्रस के लिए वोट किया और 38 प्रतिशत ने ऋषि सुनक के लिए। इनमें से कई सदस्यों ने वोट करने से इनकार कर दिया।
 
इस तरह लिज़ ट्रस इस चुनाव में 24 प्वाइंट आगे चल रही हैं। वहीं, इस हफ़्ते की शुरुआत में हुए सर्वे में ट्रस 19 प्वाइंट आगे चल रही थीं।
 
कौन हैं ऋषि सुनक
ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है।
 
2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंजरवेटिव सांसद चुने गए थे। वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं। उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं। भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे।
 
1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई। इसके बाद वो ऑक्सफ़ोर्ड पढ़ाई के लिए गए, जहाँ उन्होंने दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी राजनेताओं के लिए ये सबसे आज़माया हुआ और विश्वसनीय रास्ता है।
 
उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई भी की। राजनीति में दाख़िल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और एक निवेश फ़र्म को भी स्थापित किया।
 
ऋषि सुनक भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 शादी की थी। ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं।
 
ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है। उन्होंने कहा था, "मैं पहली पीढ़ी का अप्रवासी हूँ। मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे।"
 
अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे।
 
कौन हैं लिज़ ट्रस
लिज़ ट्रस कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में काफी लंबा वक़्त बिता चुकी हैं। प्रधानमंत्री की रेस में उन्होंने तत्काल कर कटौती, राष्ट्रीय बीमा में वृद्धि को वापस लेने की घोषणा की थी।
 
लिज़ ट्रस को बोरिस जॉनसन के वफ़ादार संस्कृति सचिव नादिन डोरिस और जैकब रिस-मोग, सुएला ब्रेवरमैन सहित अन्य लोगों का समर्थन हासिल हैं। वर्तमान में लिज़ ट्रस ब्रिटेन की विदेश मंत्री हैं।
 
लिज़ ट्रस विदेश मंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं, जिन्हें ईरान से नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ की रिहाई करवाने का श्रेय दिया जाता है। वे पहली बार साल 2010 में दक्षिण पश्चिम नॉरफ़ॉक के सांसद के रूप में चुनी गई थी।
 
साल 2014 में कंजर्वेटिव कॉन्फ्रेंस में पनीर के आयात करने पर भाषण देने के लिए उनका मज़ाक उड़ाया गया था।
 
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