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Last Modified: रविवार, 24 नवंबर 2019 (17:41 IST)

क्या रेड वाइन पीना स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है?

क्या रेड वाइन पीना स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है? - Red wine
शराब की वजह से पूरी दुनिया में हर साल दसियों लाख लोग मरते हैं। फिर भी इंसान हज़ारों बरसों से शराब पीता आ रहा है। पिछले कुछ दशकों में वाइन को ये शोहरत हासिल हो गई है कि ये हमारी सेहत के लिए अच्छी है। ख़ासतौर से रेड वाइन। इसका ताल्लुक़ लंबी उम्र और दिल की बीमारी का जोखिम कम करने से बताया जाता है। पर क्या वाक़ई वाइन हमारी सेहत के लिए मुफ़ीद है? और इससे भी पहले सवाल तो ये बनता है कि हमारे लिए अच्छा क्या है?

जब बात वाइन की आती है, तो बहुत से लोग अच्छे का मतलब दिल की बेहतरी से लगाते हैं। हालांकि ज़्यादातर लोगों को ये नहीं मालूम है कि कैंसर और शराब के बीच गहरा ताल्लुक़ पाया गया है। इस संबंध की पुष्टि कई रिसर्च में हो चुकी है। हर हफ़्ते एक बोतल वाइन गटकने से कैंसर की बीमारी का ख़तरा धूम्रपान न करने वाले मर्दों और औरतों को कैंसर के क़रीब ले जाता है यानी एक बोतल वाइन का नुक़सान मर्दों के 5 सिगरेट पीने और महिलाओं के 10 सिगरेट फूंकने से होने वाले नुक़सान के बराबर है।

ब्रिटेन के वेल्स में पब्लिक हेल्थ विभाग के डायरेक्टर ऑफ़ पॉलिसी, रिसर्च मार्क बेलिस कहते हैं कि धूम्रपान और कैंसर के बीच के संबंध को बहुत प्रचारित किया गया है, लेकिन शराब और कैंसर के संबंध को उस तरह से प्रचारित नहीं किया गया है, क्योंकि इसकी ज़िम्मेदारी शराब उद्योग पर डाली गई है और वो अपने उत्पाद की कम बिक्री तो नहीं चाहेंगे।

वाइन को हेल्दी किसने बताया
वाइन पीना सेहत के लिए अच्छा है, ये ख़याल 1970 के दशक का है। उस समय वैज्ञानिकों ने पाया था कि फ्रांस के लोगों में अन्य देशों के मुक़ाबले दिल की बीमारी कम होती है। जबकि फ्रांस के बाशिंदे, अन्य लोगों से ज़्यादा सैचुरेटेड फैट खाते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि फ्रांस के लोगों में दिल की बीमारी की कम तादाद का सीधा ताल्लुक़ वाइन पीने से है।

इसे वैज्ञानिकों ने 'फ्रेंच पैराडॉक्स' यानी फ्रांसीसी विरोधाभास का नाम दिया था। ये ऐसी पहेली है, जिसे वैज्ञानिक आज तक नहीं सुलझा पाए हैं। लेकिन 'फ्रांसीसी विरोधाभास' का इतना प्रचार हुआ है कि अब पूरी दुनिया में ये ख़याल पाया जाता है कि थोड़ी सी वाइन पीना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है। इससे वज़न बढ़ने की समस्या के अलावा दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप की परेशानियों के साथ-साथ डायबिटीज़ पर क़ाबू पाने में भी मदद मिलती है।

इंटरनेशनल साइंटिफ़िक फ़ोरम ऑन एल्कोहल रिसर्च की सह-निदेशक हेलेना कोनीबियर कहती हैं कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में वाइन पीने से बेहतर सेहत मिलने, उम्र के साथ अक़्लमंदी में कमी आने की परेशानी दूरी जैसे फ़ायदे सामने आए। इसके बाद से ऐसे नतीजों पर पहुंचने वाले एक हज़ार से ज़्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। इसी का नतीजा ये हुए कि लंबे समय से लोगों के बीच ये आम राय है कि शराब से दूरी बनाना इसे पीने के मुक़बाले ज़्यादा क्षति पहुंचाने वाला क़दम है।

हल्की तादाद में शराब सेहत के लिए फ़ायदेमंद होती है। लेकिन अब इस तर्क की आलोचना तेज़ हो गई है। इस विचार के विरोधी ये मानते हैं कि शराब से सेहत को फ़ायदे से जुड़े ज़्यादातर आंकड़े सही नहीं हैं। और ये दावा तो क़तई ग़लत है कि शराब से दूर रहने से लोग बीमार हो जाते हैं। 2006 में शराब के नुक़सान और फ़ायदे पर हुए 54 रिसर्च का निचोड़ निकाला गया। निष्कर्ष ये निकला कि थोड़ी-थोड़ी शराब पीने का दिल की बीमारी होने की आशंका कम होने से कोई ताल्लुक़ है ही नहीं।

हेलेना कोनीबियर कहती हैं कि पिछले 5 वर्षों में हमने ये देखा है कि वाइन पीने वाले लोगों की सेहत बेहतर तो होती है। वो ज़्यादा पढ़े-लिखे होते हैं और उनकी दिनचर्या दिनभर बैठे रहने वाली भी नहीं होती। इसी साल चीन में 5 लाख वयस्कों पर एक रिसर्च के नतीजे सामने आए। ये रिसर्च पिछले 10 वर्षों से चल रही थी। चीन के लोगों के 2 जीन्स ऐसे होते हैं, जो उनकी शराब पीने की लत को प्रभावित करते हैं। मज़े की बात ये है कि इनका उन लोगों की सेहत ख़राब होने से कोई संबंध नहीं होता।

रिसर्च में पता चला कि जिनकी सेहत ठीक रहती है, वो अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़, शराब पी सकते हैं, लेकिन जिनके एंजाइम ठीक से काम नहीं करते, उन्हें शराब नुक़सान पहुंचा सकती है। इस रिसर्च में शराब और दिल की बीमारी के बीच सीधा ताल्लुक़ सामने आया। हालांकि, शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, लेकिन इससे दिल की बीमारी होने की संभावना कम ही होती है। हालांकि इस रिसर्च में शराब को अलग करके सिर्फ़ वाइन के फ़ायदे नुक़सान को नहीं परखा गया। तो ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वाइन पीने का फ़ायदा होगा ही।

रेड वाइन
वाइन को आमतौर पर इसलिए सेहतमंद माना जाता है क्योंकि इसमें पॉलीफिनोल नाम के केमिकल होते हैं। इनकी वजह से शरीर में जलन कम होती है। रेड वाइन में पॉलीफिनोल व्हाइट वाइन के मुक़ाबले 10 गुना ज़्यादा होते हैं। इटली के वैज्ञानिक अल्बर्टो बर्टेली ने पाया है कि रेड वाइन की थोड़ी मात्रा लेना लोगों को दिल की बीमारी से दूर रखता है। इसकी बड़ी वजह पॉलीफिनोल होते हैं। जो शरीर में जलन कम करते हैं। बर्टेली लोगों को रोज़ 160 मिलीलीटर वाइन पीने की सलाह देते हैं, वो भी सिर्फ़ खाने के साथ।

वाइन से जुड़े रिसर्च पॉलीफिनोल रेसवेराट्रोल पर ही केंद्रित रहे हैं। रेसवेराट्रोल अंगूर की चमड़ी और इसके बीजों में पाया जाता है। इसके बारे में माना जाता है कि ये हाई ब्लड प्रेशर से बचाता है क्योंकि ये धमनियों में ख़ून को पतला कर देता है। वैसे ये ख़ूबी सिर्फ़ रेड वाइन में नहीं होती, बल्कि व्हाइट वाइन में भी पाई जाती है। हालांकि सफ़ेद अंगूर में रेसवेराट्रोल नहीं पाया जाता।

बर्टेली कहते हैं कि वाइन में पाए जाने वाले कई केमिकल हमें अल्‍जाइमर जैसी बीमारी से भी बचाते हैं। हालांकि ज़्यादातर रिसर्च यही कहते हैं कि रेड वाइन ही ज़्यादा फ़ायदेमंद है। रेड वाइन पेट की सेहत के लिए मुफ़ीद हो सकती है। और अगर हमारा पेट ठीक रहता है, तो उसके कई और लाभ होते हैं। जैसे कि हमारी इम्युनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। खाना आसानी से पचता है, तो वज़न भी ठीक रहता है। वाइन पीने से हमारे पेट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया में विभिन्नता बढ़ती है यानी आंतों में पलने वाले बैक्टीरिया में कई नस्लें हो जाती हैं।

लेकिन जिस रिसर्च में ये बात सामने आई, उसके मुताबिक़ ऐसा करने के लिए हफ़्ते में केवल एक गिलास रेड वाइन पीने की ज़रूरत है क्योंकि ऐसे ही लोग इस रिसर्च में शामिल किए गए थे। जो लोग सीमित मात्रा में वाइन पीते हैं उनका बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स भी कम होता है। शायद यही वजह है कि वाइन पीने को अच्छी सेहत से जोड़ दिया गया है। वैसे वाइन पीने की वक़ालत करने वालों की इस रिसर्च से वो लोग इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, जो शराब को बुरा मानते हैं।

मार्क बेलिस कहते हैं कि जो लोग रेड वाइन पीते हैं, वो आमतौर पर ज़्यादा वर्जिश करते हैं, चलते-फिरते हैं। इसीलिए वो औसत इंसान से ज़्यादा स्वस्थ रहते हैं। पेट की अच्छी स्थिति के बारे में भी यही कहा जा सकता है। रिसर्च से ये साफ़ नहीं हुआ कि वाइन पीने वालों का पेट ठीक रहता है या फिर जिनके पेट ठीक थे, उन्हीं के वाइन पीने की आदत पर रिसर्च की गई। 2016 में हुई एक रिसर्च में देखा गया कि जो लोग रोज़ शाम के खाने के साथ एक गिलास वाइन लेते थे, 6 महीने की इस आदत के बाद भी उनके ब्लड प्रेशर पर कुछ ख़ास असर नहीं देखा गया।

स्वास्थ्यवर्धक विकल्प
हो सकता है कि वाइन पीना अच्छी सेहत में योगदान देता हो। लेकिन ज़्यादातर जानकार ये कहते हैं कि इससे दूरी बनाना ज़्यादा स्वास्थ्यवर्धक होता है। लंदन के किंग्स कॉलेज की कैरोलिन ली रॉय कहती हैं कि हमें पता है कि शराब हमारे लिए बुरी है। फिर भी अगर आप पीते ही हैं, तो आपको रेड वाइन को तरज़ीह देना चाहिए। क्योंकि यही इकलौती ऐसी शराब है, जिसके स्वास्थ्यवर्धक गुण भी पाए गए हैं।

लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मैं लोगों को वाइन पीने की सलाह दे रही हूं। वाइन की रोगों से लड़ने की क्षमता इसके अवयव रेसवेराट्रोल से आती है। कई कंपनियों ने इसकी गोली बनाकर बेचनी भी शुरू कर दी है। हालांकि बर्टेली कहते हैं कि इसका कोई ख़ास फ़ायदा नहीं होता। शराब पीने को लेकर ब्रिटेन की गाइडलाइन सबसे सख़्त मानी जाती है। इसके मुताबिक़, हर हफ़्ते 14 यूनिट से ज़्यादा शराब नहीं पीना चाहिए।

यूं तो वाइन पीने के फ़ायदे गिनाए जाते रहे हैं। लेकिन ज़्यादा अच्छा विकल्प अभी भी इसे न पीना ही है। और जो लोग शराब पीना ही चाहते हैं, उनके लिए रेड वाइन सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन रेड वाइन पीते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि इसे आप सेहत के लिए नहीं पी रहे हैं। बल्कि इसलिए पीते हैं क्योंकि आपको शराब पीने का शौक़ है।

अगर आपको सेहत की बेहतरी के लिए कुछ करना ही है, तो शराब पीने के अलावा बहुत से सेहतमंद विकल्प मौजूद हैं। जैसे कि ज़्यादा फल और सब्ज़ियां खाएं। नियमित रूप से वर्ज़िश करें। आज भी अच्छी सेहत के लिए ये नुस्खे ज़्यादा आज़माए हुए हैं। रेड वाइन पीना इनका विकल्प नहीं है।
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