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Last Modified: मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016 (11:58 IST)

भारत से बहुत निराश हैं जकरबर्ग

भारत से बहुत निराश हैं जकरबर्ग - mark zuckerberg
नेट न्यूट्रैलिटी पर भारतीय टेलीकॉम नियामक (ट्राई) के फैसले पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने निराशा जताई है।
 
उन्होंने कहा है कि वो भारत समेत दुनिया भर में कनेक्टिविटी के रास्ते की बाधाओं को तोड़ने का काम जारी रखेंगे। ट्राई के फैसले के बाद जकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा, 'इंटरनेट डॉट ओआरजी ने कई पहल की थी और सबके पास इंटरनेट की पहुंच होने तक हम काम करना जारी रखेंगे।'
उन्होंने कहा, 'भारत के टेलीकॉम नियामक ने डेटा तक मुफ्त पहुंच की सुविधा देने वाले फ्री बेसिक्स योजना को रोकने का फैसला किया। इसने इंटरनेट डॉट ओआरजी की पहल फ्री बेसिक्स और डेटा तक मुफ्त पहुंच देने के अन्य संगठनों की योजना को भी रोक दिया।'
 
इस फैसले से निराश जकरबर्ग ने लिखा है, 'हालांकि हम इस फैसले से निराश हैं। लेकिन मैं निजी तौर पर मैं यह बाताना चाहता हूं कि हम भारत और दुनिया भर में कनेक्टिविटी के रास्ते की बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इंटरनेट डॉट ओआरजी ने कई पहल की है और हम यह काम तब तक करते रहेंगे जब तक सबकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं बन जाती।'
 
ट्राई ने सोमवार को नेट न्यूट्रैलिटी का समर्थन करते हुए कहा कि इंटरनेट कंपनियों को अलग-अलग कीमत पर सेवाएं देने की इजाजत नहीं होगी। ट्राई के इस फैसले से भारत में बड़े पैमाने पर लोगों तक फ्री इंटरनेट पहुंचाने की फेसबुक इंक की योजना को झटका लगा है।
 
फ्री बेसिक्स योजना चंद वेबसाइटों को निःशुल्क पहुंच की सुविधा देता है। इन मुफ्त वेबसाइटों में कुछ स्थानीय समाचार और मौसम अनुमान, बीबीसी, विकिपीडिया और कुछ हेल्थ साइटें शामिल थीं।
 
ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को अलग-अलग वेबसाइटों के लिए अलग-अलग शुल्क लेने की इजाज़त नहीं होगी। ट्राई ने कहा कि हालांकि आपात स्थिति में ऐसा किया जा सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि फेसबुक के फ्री बेसिक्स को भारत में अमल में नहीं लाया जा सकेगा।
 
मार्क जकरबर्ग ने फ्री बेसिक्स को लेकर व्यापक अभियान चलाया था। उन्होंने सोशल मीडिया यूजर्स से इसके समर्थन में ट्राई से अपील करने को कहा था। नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर काफी विवाद रहा है। इसके समर्थकों का तर्क है कि इंटरनेट के दायरे के बाहर रहने वाले लाखों लोगों को इससे निःशुल्क जोड़ा जा सकता है।
 
वहीं फ्री बेसिक्स के आलोचकों का तर्क है कि फ्री बेसिक्स, नेट न्यूट्रैलिटी के सिद्धांत का उल्लंघन है। नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि इंटरनेट सबके लिए समान रूप से पहुंच में हो। ट्राई ने कहा है कि अलग-अलग शुल्क लगाने वाले सेवा देने वाली कंपनियों पर प्रतिदिन 50 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
 
फेसबुक ने इंटरनेट डॉट ओआरजी नाम से 2013 में फ्री बेसिक्स परियोजना की शुरुआत की थी। इस योजना को अब तक 36 देशों में लागू किया जा चुका है। कंपनी का दावा है कि इस योजना से वो डेढ़ करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े, जो इसके बिना इंटरनेट से नहीं जुड़ पाते।
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