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Last Modified: गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017 (13:31 IST)

मनमोहन सिंह के नहाने का भी है किस्सा

मनमोहन सिंह के नहाने का भी है किस्सा | Manmohan Singh
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 'नहाने की कला' पर जो कुछ कहा उसपर काफ़ी हंगामा मचा, कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया।
मगर मनमोहन सिंह के नहाने का ज़िक्र 12 साल पहले न्यूज़वीक में एक लेख में हुआ था। इसमें ये तो नहीं लिखा कि वो रेनकोट पहनकर नहाते थे या नहीं, पर ये ज़रूर लिखा कि वो कैसे नहाते थे।
 
न्यूज़वीक के संपादक फ़रीद ज़कारिया ने 2004 में अपने एक लेख में लिखा था कि अर्थशास्त्री जगदीश भगवती अपने सहपाठी मनमोहन सिंह के बारे में ये कहा करते हैं- "हम दोनों केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में साथ पढ़ते थे, और मुझे एक ग़रीब किसान परिवार से आए उस नौजवान की बात छू गई जो हर सुबह चार बजे ठंडे पानी से नहाता था - इंग्लैंड की उस ठंड में!"
 
भगवती कहते हैं, "मुझे तभी लगा था कि ये किसी मुक़ाम पर जाएगा।"
 
मनमोहन का सफ़र
1956-57 के वर्षों में केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में अपने सहपाठी के बारे में की गई जगदीश भगवती की ये भविष्यवाणी सच साबित हुई।
 
केम्ब्रिज से लौट मनमोहन नें पहले पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाया, फिर डी. फ़िल के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी गए, अंकटाड (यूनाईटेड नेशन्स कॉन्फ़्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट) में काम किया, डेल्ही स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में पढ़ाया, वित्त मंत्रालय में सचिव बने, योजना आयोग गए, 1982 में रिज़र्व बैंक के गवर्नर बने, योजना आयोग के उपाध्यक्ष का पद संभाला, वीपी सिंह सरकार में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार रहे, यूजीसी के चेयरमैन बने और तब उनका राजनीति में आगाज़ हुआ। 1991 में पी वी नरसिम्हा राव ने उन्हें अपनी सरकार में वित्त मंत्री बनाने का फ़ैसला किया।
 
उस दिन को याद करते हुए मनमोहन सिंह ने बीबीसी के पूर्व पत्रकार सर मार्क टली को एक इंटरव्यू में कहा था,"वो जिस दिन अपनी कैबिनेट बना रहे थे, उन्होंने अपने प्रिंसिपल सेक्रेट्री को मेरे पास भेजा जिसने मुझे कहा- प्रधानमंत्री चाहते हैं कि आप वित्तमंत्री बनें। मैंने सोचा वो ऐसे ही कह रहे हैं।
 
अगले दिन वो मेरे पास फिर आए, बल्कि थोड़े ग़ुस्साए भी लगे, उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तैयार हो जाऊं और शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन चलूँ। और कुछ ऐसे राजनीति में मेरा प्रवेश हुआ।"
 
मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्तमंत्री रहे और अंततः 2004 में भारत के प्रधानमंत्री बने।
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