• Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. बीबीसी हिंदी
  3. बीबीसी समाचार
  4. indo pak love story
Written By
Last Updated : मंगलवार, 12 मार्च 2019 (12:07 IST)

भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव के बीच प्यार की कहानी

भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव के बीच प्यार की कहानी - indo pak love story
- रविंदर सिंह रॉबिन
 
भारत और पाकिस्तान के बीच उलझे रिश्तों की गांठें सुलझने में भले थोड़ा वक़्त लगे लेकिन सरहद के इस पार और उस पार रह रहे दो लोगों के दिलों के धागे जुड़ गए है।
 
 
ये प्रेम कहानी है पाकिस्तान के सियालकोट में रहने वाली किरन सरजीत और भारत के अंबाला के रहने वाले लड़के परविंदर सिंह की। 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमला के बाद इनकी शादी की तारीख आगे बढ़ा दी गई थी। अब तमाम कोशिशों के बाद उन्होंने शनिवार को इस रिश्ते को शादी का नाम दिया।
 
 
दोनों की शादी सिख रीति रिवाज़ों के साथ पटियाला के एक गुरूद्वारे में हुई। पुलवामा हमले के बाद ये पहली शादी है जो इन दोनों देशों के बाशिंदों के बीच हो रही है। इन दोनों परिवारों के लोग चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते जल्द से जल्द बेहतर हों।
 
 
इस शादी में मीडिया कैमरे भी पहुंचे।
कैसे हुई मुलाकात?
किरन की मुलाकात परविंदर से साल 2014 में हुई थी। उस वक्त उनकी उम्र 27 साल और परविंदर की उम्र 33 साल थी। बंटवारे के वक्त किरन का परिवार पाकिस्तान चला गया था। अब किरन भारत 45 दिन के वीज़ा पर आई हैं जो 11 जून 2019 को पूरा होगा।
 
 
मीडिया से बात करते हुए परविंदर ने कहा कि अब वो किरन के भारतीय नागरिकता के लिए सरकार से आवेदन करेंगे।
 
 
परविंदर ने बताया कि परिवारों ने 2016 में शादी की व्यवस्था की थी और उनके परिवार को शादी की तैयारी के लिए पाकिस्तान जाना था लेकिन पाकिस्तानी उच्चायोग ने उनके वीजा को रद्द कर दिया था।
 
 
उन्होंने कहा, "इसलिए परिवारों ने तय किया कि किरन और उसका परिवार भारत आएगा और हम मिल गए।''
 
किरन पाकिस्तान के एक निजी स्कूल में पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा, "हमारी शादी शांति के सकारात्मक संकेत देगी।"
 
 
दुल्हन किरन के पिता सुरजीत चीमा ने कहा, "हमारे बच्चों की शादी भी दोनों सरकारों को एक संदेश देती है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद भी लोग मिलना चाहते हैं और संबंधों को बेहतर बनाने में व्यस्त हैं। अगर शांति बनी रहती है तो ये दोनों देशों के आम लोगों के लिए बेहतर होगा।"
 
ये भी पढ़ें
लोकसभा चुनाव 2019: पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए कितनी संभावना