आशुतोष सिन्हा
फेसबुक इस बात का पूरा हिसाब रखता है कि आपकी पसंद-नापसंद, जीवनशैली, आदतें और ज़रूरतें क्या हैं, उसी हिसाब से वह टार्गेटेड विज्ञापन करके मोटी कमाई करता है। इस साल की दूसरी तिमाही में उसकी कमाई 6.24 बिलियन डॉलर यानी करीब 41800 करोड़ रुपए रही। इस तिमाही में मुनाफा रहा 2.1 बिलियन डॉलर या करीब 14010 करोड़ रुपए।
हर बार जब आप लॉग इन करके थोड़ा समय फेसबुक पर बिताते हैं तो उसकी कमाई कुछ बढ़ जाती है। उसकी पूरी कमाई में मोबाइल विज्ञापनों से हुई कमाई का हिस्सा रहा 84 फीसदी है जो पिछले एक साल में 81 फीसदी बढ़ गया है।
जून की तिमाही के अंत में फेसबुक के अब 171 करोड़ ग्राहक हैं। 2012 में 100 करोड़ के 'एक्टिव यूजर' के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद भी उसके सब्सक्राइबर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। लेकिन स्टैटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार सबसे मजेदार बात ये है कि 157 करोड़ लोग फेसबुक को अपने स्मार्टफोन या टैबलेट पर इस्तेमाल करते हैं।
फेसबुक के सभी सब्सक्राइबर अपने बारे में जानकारी खुद ही देते रहते हैं। लोग उसकी वेबसाइट को फ्री एक्सेस करके उस पर तरह-तरह की जानकारी जैसे ईमेल, मोबाइल फ़ोन नंबर, शहर के अलावा कई और भी जानकारी देते हैं। ये ऐसी जानकारी होती है जैसे जन्मदिन, शादी की सालगिरह, बच्चों के नाम - जो ग्राहकों के बारे में मिलना आसान नहीं है।
और जब लाखों लोगों के बारे में ये जानकारी मिल सकती है तो उसके लिए एक कीमत चुकाने में कंपनियां नहीं हिचकती हैं।
लोकेशन के बारे में जानकारी देकर लोग फेसबुक को ये भी बताते हैं कि वो साल में कितनी बार छुट्टियां मनाने जाते हैं, कितनी बार घर से बाहर खाना खाते हैं या पिक्चर देखने जाते हैं।
बियर के गिलास के साथ आप अपनी तस्वीर शेयर करेंगे तो आपको पबों और बारों के विज्ञापन दिखाई देने लगेंगे जो शराब नहीं पीता उसको ऐसे ऐड दिखाकर क्या फायदा?
अगर आपने अपनी नई कार की तस्वीर शेयर की है और आपकी लोकेशन भी मालूम है, मिसाल के तौर पर दिल्ली में महंगी कार चलाने वाले लोगों के समूह को ही महंगे सामान का विज्ञापन दिखाया जाए, ऐसे फैसले करना काफी आसान हो जाता है।
मिसाल के तौर पर चॉकलेट बनाने वाली कंपनियां तय कर सकती हैं कि वे सिर्फ टीनएजर लड़कियों को ही अपने विज्ञापन दिखाने हैं लेकिन अगर कोई फिटनेस ट्रैकर जैसे प्रोडक्ट बेच रहा है तो 30 साल के ऊपर लोगों तक भी पहुंचना चाहेगा। ऐसे लोग जब अपने फेसबुक पेज पर लॉग इन करेंगे तो उन्हें वो विज्ञापन ही दिखाई देंगे।
ये सभी कंपनियां फेसबुक को इसके लिए भरपूर पैसे देती हैं क्योंकि टीवी या प्रिंट के विज्ञापन इतने निशाने पर नहीं लगते।
सब्सक्राइबर को उनके जन्मदिन पर फेसबुक पेज पर कंपनियों की तरफ से बधाई सन्देश भी भेजा जा सकता है क्योंकि ये जानकारी लोग खुद ही फेसबुक को देते हैं।
गूगल पर अगर आप खरीदने के लिए घड़ियां ढूंढ रहे हैं तो फेसबुक पर भी उसके विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं, ऐसा संयोगवश नहीं, बल्कि रणनीति के तहत होता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि फेसबुक के बारे में सब कुछ बढ़िया चल रहा है।
जो औसत समय लोग फेसबुक पर बिताते हैं वो कम हो रहा है, जो विज्ञापन देने वाली कंपनियों के लिए बुरी खबर है।
अगर ये ट्रेंड जारी रहा तो वो फेसबुक के लिए चिंता की बात हो सकती है इसीलिए फेसबुक चाहता है कि आप उसकी वेबसाइट से लॉग आउट न करें ताकि आपका स्टेटस हमेशा लॉग इन वाला रहे।
ऐसे में कंपनियों को लगेगा कि आप ज्यादा समय फेसबुक पर बिता रहे हैं। स्मार्टफोन पर विज्ञापनों से कमाई में फेसबुक, ट्विटर के मुकाबले काफी आगे निकल गया है और अब गूगल के अलावा दूसरी कोई भी कंपनी उसे टक्कर देने में सक्षम नहीं दिखाई दे रही है।