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Last Updated : शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020 (08:57 IST)

कोरोना वायरसः असम ने चीन से कैसे मंगा ली 50 हज़ार पीपीई किट?

कोरोना वायरसः असम ने चीन से कैसे मंगा ली 50 हज़ार पीपीई किट? - Corona Virus: How Assam calls 50,000 PPE Kits from China
दिलीप कुमार शर्मा, गुवाहाटी से, बीबीसी हिंदी के लिए
देश में जारी लॉकडाउन के बीच बुधवार की शाम चीन के गुआंगज़ो से ब्लूडार्ट कार्गो कंपनी का एक विशेष विमान 50 हजार पीपीई यानी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के साथ गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा जिसकी अब चारों तरफ चर्चा हो रही है।
 
दरअसल एक तरफ जहां बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे देश के कई राज्यों में पीपीई किट की कमी के कारण वहां की सरकारों से सवाल पूछे जा रहे हैं वहीं असम चीन से सीधे पीपीई किट आयात करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
 
ठीक शाम साढ़े आठ बजे असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ब्लूडार्ट विमान की तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए बताया, "खुश होने का एक और बड़ा कारण! जीवन को पहले मकसद के रूप में रखते हुए, हम गुआंगज़ो, चीन से 50 हजार पीपीई किट आयात करने के लिए खुश हैं। मैं पीजुष हजारिका (स्वास्थ्य राज्य मंत्री) के साथ गुवाहाटी हवाई अड्डे पर अभी-अभी इस विशेष विमान को रिसीव करते हुए खुश हूं। यह हमारे डॉक्टरों और नर्सों के लिए एक बड़ा आश्वासन है।"
 
कोविड-19 के प्रकोप से पहले एक समय था जब असम के पास केवल 10 पीपीई किट थे। अब असम में डेढ़ लाख पीपीई किट का स्टॉक उपलब्ध है। असम की इस उपलब्धि के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि गुआंगज़ो और गुवाहाटी के बीच इस तरह सीधे पीपीई किट आयात करना कैसे संभव हुआ?
 
राज्य के जानमाने उद्यमी अभिजीत बरुआ कहते है, "सरकार के पास ई-कॉमर्स से लेकर दोनों तरफ ट्रेडिंग करने वाले संपर्क होते हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी बात है कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सरकार के लोग कितनी गंभीरता से सक्रिय हैं और कितनी जल्दी फैसला ले सकते है। असम ने अपनी तत्परता दिखाई है। वरना किसी भी खरीददारी से पहले सरकार की जो प्रक्रिया होती है कई लोग उसकी जटिलता में फंस कर फैसला नहीं ले पाते है। देश में कोरोना वायरस के कारण जिस तरह की आपात स्थिति बनी हुई है, इसमें साहसिक फैसले भी लेने पड़ते हैं और सब लोग ऐसा नहीं कर पाते।"
 
क्या चीन से आए इन पीपीई किट की वितरण से पहले जांच करना जरूरी नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए बरुआ कहते है, "चीन का सामान है इसका मतलब यह नहीं है कि क्वालिटी खराब होगी। लेकिन अच्छी क्वालिटी के लिए यह देखना भी जरूरी है कि किस कीमत में ये किट खरीदे गए है। सरकार का मकसद इस बीमारी के ख़िलाफ़ फ्रंट लाइन में लड़ रहे लोगों को सुरक्षित रखना है लेकिन क्वालिटी परीक्षण भी बेहद जरूरी है। क्योंकि कई बार खरीदार को पता नहीं चलता है और बेहद खराब डील हो जाती है।"
 
लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सरमा का कहना है, "भारत सरकार के साथ-साथ दुनिया भर के कई देश चीन से पीपीई किट खरीद रहे हैं और असम चीन से सीधे किट आयात करने वाला देश का पहला राज्य हैं।" इस बीच चीन ने कोरोनो वायरस के जांच के लिए गुरुवार को 6 लाख 50 हजार टेस्टिंग किट भारत को भेजे हैं। एक जानकारी के अनुसार इस खेप में 5 लाख 50 हजार रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट हैं और एक लाख आरएनए एक्सट्रैक्शन किट हैं।
 
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बीबीसी से कहा, "चीन से आए 50 हजार पीपीई किट को मिलाकर हमारे पास अब करीब डेढ़ लाख का स्टॉक हो गया है। दरअसल इससे पहले हमें बहुत कम संख्या में पीपीई किट मिल रहे थे और हमारे जो डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ हैं, सबको देने की जरूरत थी। उस लड़ाई में हम मार खा रहे थे, पता ही नहीं चल रहा था कि कहां से लाएं, कैसे लाएं। कैसे लोगों को आश्वस्त करें। क्योंकि अस्पताल में काम करने वाले व्यक्ति का पहला सवाल यही होता था कि आपने हमारे लिए पीपीई किट का प्रबंध किया है या नहीं?"
 
"पीपीई किट की जरूरत सफाईकर्मियों के लिए भी थी और इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। हमें इसकी आवश्यकता ज़्यादा थी। कोरोनो वायरस की लड़ाई से जीतने के लिए सबसे आगे काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा और उनकी ट्रेनिंग ये दो चीज़ें बेहद जरूरी हैं। अगर उनके मन में मरीजों की सेवा करने को लेकर कोई डर नहीं होगा तो बहुत सारे लोगों की जान बच जाएगी। हमारे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट की व्यवस्था कर दी गई है। अब वे बिना किसी डर-भय के मरीजों का इलाज कर सकेंगे।"
 
चीन का कमर्शियल हब कहे जाने वाले गुआंगज़ो का कई बार दौरा कर चुके और वहां चिकित्सा उपकरणों की ट्रेडिंग से जुड़ी जानकारी रखने वाले अभिजीत भुइयां कहते हैं, "एक सरकार के लिए इस तरह की ट्रेडिंग करना कोई मुश्किल भरा काम नहीं है। लेकिन इसके लिए कुछ तैयारियां पहले से करनी पड़ती है। मुझे यह तो मालूम नहीं कि असम सरकार ने किसके जरिए चीन से पीपीई किट खरीदे हैं लेकिन ऐसी खरीदारी के लिए चीन और भारत में दोनों तरफ कुछ ट्रेडर होते हैं वो इस काम में मदद करते हैं। यह निश्चित है कि राज्य सरकार के अपने संपर्क वाले लोग है। चूंकि यह समय काफी संकट का है इसलिए भारत सरकार ने भी काफी मदद की है। क्योंकि चीन से अगर कोई सामान भारत लाया जाएगा तो कस्टम क्लियरेंस से लेकर ट्रांसपोर्टेशन जैसी कई तरह की अनुमति लेनी पड़ती है।"
 
चीन से लाए गए पीपीई किट की क्वालिटी को लेकर भुइंया कहते है, "स्वास्थ्य मंत्री ये सारे काम खुद कर रहे हैं ऐसे में क्वालिटी खराब होने की गुंजाइश बहुत कम है। किसी भी उत्पाद की क्वालिटी जांचने की एक सामान्य प्रक्रिया होती है, इसके अलावा उत्पाद को कंटेनर में डालने से पहले भी पहले दिखाए गए सैंपल के साथ क्वालिटी की जांच की जाती है।"
 
असम में अब तक कोविड 19 पॉजिटिव के कुल 34 मरीज पाए गए हैं जिनमें से पांच लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई हैं जबकि एक मरीज की मौत हो गई है।
चित्र सौजन्य : ट्विटर/हिमंत बिस्वा सरमा
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