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Written By वार्ता
Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011 (17:43 IST)

कारों की बिक्री पर लगा ब्रेक

कारों की बिक्री घटी ऑटोमोबाइल पेट्रोल महँगाई
टॉप गियर में फर्राटा भर रही कारों की बिक्री की रफ्तार इस वर्ष के शुरुआती महीने में बढ़ती महँगाई, पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि और ब्याज दरें बढ़ने की संभावना से धीमी पड़ने लगी है।

कंपनियों ने हालाँकि बिक्री में तेजी बनाए रखने के लिए नए मॉडल उतार रही है लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में आए उछाल से पेट्रोल के मूल्य में भारी वृद्धि और बढ़ती महँगाई को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी किए जाने से ऋण महँगे होने की संभावना से ग्राहक कार खरीदने से हिचकिचाने लगे हैं।

वर्ष 2010 में कारों की बिक्री में 32 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई थी लेकिन चालू वर्ष के पहले महीने में ही बिक्री धीमी पड़ने लगी है। इसके अरितिक्त यूरोप के वित्तीय संकट से बाहर नहीं निकलने से कारों का निर्यात भी घटने लगा है।

इस वर्ष जनवरी में सबसे बेहतर प्रदशर्न करने वाली कंपनी रही फोर्ड इंडिया जिसकी बिक्री हैचबैक कार‍ों के बल पर 309 प्रतिशत अर्थात करीब चार गुना बढ़कर 10 हजार मासिक के आँकड़े को पार कर गई। कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की बिक्री 14.7 प्रतिशत, जनरल मोटर्स की बिक्री मात्र छह प्रतिशत, टाटा मोटर्स की 15 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा की 22 प्रतिशत बढ़ी जबकि कार बनाने वाली दूसरी बड़ी कंपनी ह्युंडई मोटर इंडिया की कुल बिक्री 17.7 प्रतिशत घट गई जबकि घरेलू बिक्री में मात्र 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

मारूति सुजुकी ने जनवरी-11 में एक लाख नौ हजार 743 वाहन बेचे हैं। यह संख्या पिछले साल के इसी माह के 95649 की तुलना में 14.70 प्रतिशत अधिक हैं। घरेलू बाजार में बिक्री जनवरी 2010 के 81087 कारों की तुलना में 23.8 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 422 पर पहुँच गई। हालाँकि कंपनी का निर्यात 36 प्रतिशत गिरकर जनवरी 2010 की 14562 कारों की तुलना में 9321 रह गई। मारूति 800 कार की बिक्री जनवरी में 24.80 प्रतिशत गिरकर 1876 रह गई।

दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो से लेकर भारी व्यावसायिक वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स की जनवरी 2011 में कुल बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 75 हजार 423 इकाई हो गई जबकि पिछले साल की इसी माह में यह आँकड़ा 65 हजार 478 वाहन का रहा था। घरेलू स्तर पर यात्री और व्यावसायिक वाहनों की बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 70 हजार 475 इकाई रही। जनवरी 2010 में देश में इस श्रेणी में 62 हजार 202 वाहन बेचे गए थे।

घरेलू स्तर पर यात्री वाहनों की बिक्री 14 प्रतिशत बढ़कर 32 हजार 386 इकाई हो गई। जनवरी 2010 में यह आँकड़ा 28 हजार 460 वाहन हो गई। कंपनी द्वारा किए गए प्रयासों से लखटकिया कार नैनो की बिक्री में तेजी आने लगी है। जनवरी 2011 में 6703 नैनो कारें बिकी जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है।

हालाँकि इंडिका की बिक्री आठ प्रतिशत घटकर 10 हजार 591 वाहन रह गई। जनवरी 2011 में कंपनी ने 51 प्रतिशत अधिक 4948 वाहन विदेश भेजे जबकि जनवरी 2010 में 3276 वाहन बाहर भेजे गए थे। (वार्ता)