गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अटल बिहारी वाजपेयी : यादें
  4. atal ji poem

अटल जी को श्रद्धांजलि : सूर्य कभी अस्त नहीं होता...

अटल जी को श्रद्धांजलि : सूर्य कभी अस्त नहीं होता... - atal ji poem
सूर्य उदय से सूर्यास्त तक 
सुनहरी गुलाबी 
बदलती किरणों को 
निहारकर 
शब्दों में
किताबों में
रचते रहे सदा।
 
शब्दों का गुम हो जाना 
नामुमकिन-सा होता 
किताबें अमर होती
जैसे अमर हुए अटलजी।
 
अटलजी ने 
अनुभवों की झोली से
साहित्य जगत को बांटा
काव्य का प्रसाद।
 
काव्य के
अनमोल शब्द 
आज भी कानों में
गूंजा करते
करतल ध्वनियों
और वाह-वाह के
शब्दों के साथ।
 
अटलजी
हमारे बीच सदा रहेंगे
जब-जब दोहराई जाएंगी
उनकी कविताएं।
 
फिर गूंज उठेंगे साहित्य के पांडाल
साहित्य के आंगन में
कहते हैं सूर्य कभी अस्त
होता नहीं
जैसे अटलजी!
ये भी पढ़ें
राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल की जन्मशताब्दी पर विशेष