वर्तमान दौर में वाहन प्रतिष्ठा का पर्याय बनते जा रहे हैं। प्राचीन काल में वाहन मात्र आवागमन का साधन हुआ करते थे किन्तु आज वाहन सम्पन्नता की निशानी माने जाने लगे हैं।
आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में वे कौन से ग्रहयोग होते हैं जो जातक को वाहन सुख प्रदान कराते हैं-
जन्मपत्रिका के चतुर्थ भाव, चतुर्थेश व शनि से वाहन सुख का विचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त वैभव-विलासिता के नैसर्गिक कारक शुक्र का बलवान होना भी अति-आवश्यक है। यदि जन्मपत्रिका में चतुर्थेश अशुभ भावों जैसे छ्ठे, आठवे व बारहवे भावों में स्थित हो एवं चतुर्थ भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो व शनि-शुक्र निर्बल हों तो ऐसे जातक को वाहन सुख प्राप्त नहीं होता। यदि चतुर्थ भाव व चतुर्थेश पर राहु की दृष्टि हो तो वाहन बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।
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-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
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