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क्या भारत-पाक युद्ध होगा...? राहु-केतु का राशि परिवर्तन दे रहा है बड़ा संकेत

क्या भारत-पाक युद्ध होगा...? राहु-केतु का राशि परिवर्तन दे रहा है बड़ा संकेत - rahu ka rashi parivartan aur bharat pak rishte
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
 
भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किए जाने के पश्चात भारत-पाक के मध्य तनाव का वातावरण बन गया है। दोनों देशों के नागरिकों के साथ-साथ समूचे विश्व की निगाहें इस समय भारत एवं पाकिस्तान पर हैं। वर्तमान परिस्थितियों में सभी यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या भारत व पाकिस्तान एक बार पुन: युद्ध के मैदान में आमने-सामने होंगे? आइए, ज्योतिष के संदर्भ में इस प्रश्न का समाधान खोजने की कोशिश करते हैं-
 
राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा महत्वपूर्ण कारक
 
आजादी के समय को लेकर भारत व पाकिस्तान की जो कुंडली निश्चित होती है उसमें राहु-केतु की स्थिति की बड़ी अहम भूमिका है इसलिए राहु-केतु का राशि परिवर्तन दोनों ही देशों के लिए एक अहम मोड़ साबित होने वाला है। 6 मार्च, बुधवार से राहु ने अपनी राशि परिवर्तन मिथुन एवं केतु ने अपनी राशि परिवर्तन कर धनु राशि में गोचर आरंभ कर दिया है। राहु-केतु का यह गोचर भारत के रिपु स्थान में हो रहा है, वहीं केतु का गोचर हानि स्थान में हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप भारत आने वाले डेढ़ वर्षों तक शत्रु बाधा से पीड़ित रहेगा। इन डेढ़ वर्षों में आतंकी गतिविधियों में तेजी आएगी किंतु भारत इनसे सफलतापूर्वक निपटने में कामयाब रहेगा।
 
क्या भारत-पाक युद्ध होगा...?
 
राहु-केतु के गोचर एवं आजादी प्राप्ति के समयानुसार वर्तमान में भारत राहु की महादशा एवं शनि की अंतरदशा के प्रभाव में है। शनि की स्थिति भारतवर्ष के लिए अत्यंत शुभ है। शनि के प्रभाव के कारण भारत हर प्रतिकूल परिस्थिति का डटकर मुकाबला करेगा एवं स्थितियों को अपने पक्ष में करने में सफल रहेगा।
 
वर्तमान ग्रह-गोचर के अनुसार स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि वर्ष 2019 से 2020 के मध्य युद्ध की परिस्थितियां तो निर्मित होंगी किंतु आमने-सामने का युद्ध नहीं होगा, क्योंकि शनि की अंतरदशा भारत के लिए अनुकूल है। इसके चलते भारत अपने कूटनीतिक प्रयासों से ही पाकिस्तान को शिकस्त देने में सफल रहेगा। राहु के गोचर के परिणामस्वरूप आतंकवाद पर भारत का रुख अब आक्रामक रहने वाला है।
 
आने वाले वर्षों में भारत केवल रक्षा की रणनीति तक ही सीमित न रहकर आक्रमण की नीति पर भी अमल करेगा। अंततोगत्वा ज्योतिषीय निष्कर्ष के अनुसार आने वाले डेढ़ वर्ष सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण व अहम रहने वाले हैं।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
संपर्क: [email protected]