'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचाग' श्रंखला में प्रस्तुत है कार्तिक कृष्ण पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
'पाक्षिक-पंचांग': कार्तिक कृष्ण पक्ष
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-कार्तिक
पक्ष-कृष्ण पक्ष (14 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक)
ऋतु: शरद (21 अक्टूबर से हेमंत ऋतु प्रारंभ)
रवि: दक्षिणायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 15 अक्टूबर, 16 अक्टूबर, 21 अक्टूबर, 22 अक्टूबर
अमृतसिद्धि योग- 15 अक्टूबर
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरु पुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 24 अक्टूबर (रमा एकादशी व्रत)
प्रदोष- 26 अक्टूबर
भद्रा- 16 अक्टूबर (उदय)- 17 अक्टूबर (अस्त), 20 अक्टूबर (उदय-अस्त), 23 अक्टूबर (उदय-अस्त), 26 अक्टूबर (उदय-अस्त)
पंचक- 14 अक्टूबर को समाप्त
मूल- 15 अक्टूबर को समाप्त, 22 अक्टूबर से प्रारम्भ- 24 अक्टूबर को समाप्त
अमावस- 28 अक्टूबर (सोमवती अमावस्या)
ग्रहाचार- सूर्य-कन्या (18 अक्टूबर से तुला राशि में), चंद्र-(सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-कन्या, बुध-तुला (23 अक्टूबर से वृश्चिक राशि में), गुरु-वृश्चिक, शुक्र-तुला, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार- 17 अक्टूबर- करवा चतुर्थी व्रत (करवा चौथ-चंद्रोदय रात्रि 8 बजकर 31 मि.)
25 अक्टूबर- धनत्रयोदशी (धनतेरस), 26 अक्टूबर- रूप चतुर्दशी (यम दीपदान),
27 अक्टूबर- श्री महालक्ष्मी पूजा (दीपावली), 28 अक्टूबर- श्री गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)
(निवेदन-उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र