Kumbh sankranti 2021 : कुंभ संक्रांति कब, जानिए क्या करें जब सूर्य करे राशि परिवर्तन
संक्रांति : सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करने को संक्रांति कहते हैं। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है जिसमें से 4 संक्रांति ही महत्वपूर्ण हैं जिनमें मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति प्रमुख हैं। मकर संक्राति के दिन से ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होने लगता है। प्रत्येक संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है।
12 फरवरी 2021 को सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। आइए जानते हैं 12 फरवरी 2021 से सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही किस राशि पर कैसा होगा असर...
कुंभ संक्रांति पर क्या करें :
1 : कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। जल्दी उठकर सूर्य देव की पूजा करते हुए उन्हें अर्घ्य देनी चाहिए। कुंभ संक्रांति के दिन आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करना चाहिए। यह पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी और सुख बना रहेगा।
2 : कुंभ संक्रांति के शुभ दिन सूर्य कवच, सूर्य चालीसा, सूर्य आरती, सूर्य स्तोत्र, आदित्य ह्दय स्तोत्र, सूर्य मंत्र, सूर्य नामावली वादि का विधि विधान से जाप करना चाहिए।
3: कुंभ संक्रांति के दिन दान करने से बहुत ही फल प्राप्त होता है। खाद्य वस्तुओं, वस्त्रों और गरीबों को दान अत्यंत ही फलदायी माना जाता है। इस दिन घी का दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा संतरा फल गरीब बच्चों में बांटने चाहिए। स्वर्ण, स्टील, पीतल, तांबे, कांसे या चांदी के छोटे कलश मंदिर में दान करना चाहिए।
4: कुंभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है। गंगा नदी में पवित्र स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्य किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं। अगर नदी स्नान संभव नहीं तो नदियों के मंत्र के साथ घर में ही स्नान पुण्य अर्जित किया जा सकता है।
5: इस शुभ दिन पर अपने पहने हुए समस्त वस्त्र का परित्याग कर के सारे नए वस्त्र धारण करना चाहिए।