Kanya sankranti 2023 : कन्या संक्रांति के दिन कौन से कार्य करें कि सभी समस्या का हो अंत
Kanya sankranti 2023 : सूर्य के कन्या राशि में गोचर को कन्या संक्रांति कहते हैं। इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस भी रहता है। सूर्य के बुध की राशि में जाने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन 3 ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं जिसके चलते सभी तरह की समस्याओं का अंत हो जाता है। आओ जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए।
पितृ तर्पण और शांति कर्म : कन्या संक्रांति का दिन पितरों के निमित्त शांति कर्म करने के लिए बहुत ही उत्तम दिन होता है। इस दिन पितृ तर्पण या पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति कराने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं।
दान : कन्या संक्रांति के दिन गरीबों को दान दिया जाता है। दान देने से सभी तरह की आर्थिक समस्या का निराकरण होता है। इस दिन नदी स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और फिर दान पुण्य का कार्य करें।
सूर्य को अर्घ्य देना : कन्या संक्रांति के दिन नदी स्नान करने का खास महत्व होता है। स्नान करके भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है। कन्या संक्रांति के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से सभी तरह की समस्याओं का अंत होता है। नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है। समान में मान सम्मान बढ़ता है।
कन्या संक्रांति पर विश्वकर्मा पूजन भी किया जाता है जिस वजह से इस तिथि का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। उड़ीसा और बंगाल जैसे क्षेत्रों में इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात, तेलांगना, तमिलनाडु, पंजाब और महाराष्ट्र में कन्या संक्रांति के दिन को साल के प्रारंभ के तौर पर माना जाता है जबकि बंगाल और असम जैसे कुछ राज्यों में इस दिन को साल की समाप्ति के तौर पर जाना जाता है।