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Last Modified: गुरुवार, 14 सितम्बर 2023 (17:19 IST)

एक माह में होने वाले हैं 2 ग्रहण, पहले सूर्य और फिर चंद्र ग्रहण, रहें सावधान!

एक माह में होने वाले हैं 2 ग्रहण, पहले सूर्य और फिर चंद्र ग्रहण, रहें सावधान! - 2023 ke surya and chandra grahan
Lunar and solar eclipse 2023: वर्ष 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण अगले माह अक्टूब में लगने वाला है। एक ही माह में 2 ग्रहण का होना अच्छा नहीं माना जाता है। इससे देश और दुनिया में घटना दुर्घटनाएं बढ़ जाती है। आओ जानते हैं कि अक्टूबर में किस तारीख और किस समय को लगेगा ग्रहण।
 
सूर्य ग्रहण 2023 | surya grahan 2023:
October 14 solar eclipse 2023: 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया, लेकिन यह सुबह 7:04 से दोपहर 12:29 तक रहा। अब 14 अक्टूबर 2023 को वर्ष को दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण लगने वाला है। 14 अक्टूबर 2023 शनिवार को वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। संभवत: यह ग्रहण भी भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
 
चंद्र ग्रहण 2023 | Chandra grahan 2023:
October 28 Lunar eclipse 2023: 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन रात्रि 8:45 पर पहला चंद्र ग्रहण हुआ था जो उपछाया चंद्र ग्रहण था। यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त हुआ। यह भारत में कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई दिया था। इसके बाद 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन रात्रि 01:06 पर वर्ष 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा जो खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 02:22 पर बजे समाप्त होगा। (28 तारीख की रात्र‍ि यानी 01:06 एएम से 02:22 एएम तक)।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल :- 28 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगा।
सूतक समाप्त समाप्त:- 29 अक्टूबर को 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा।
 
  • सूर्य ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
  • चंद्र ग्रहण का सूतककाल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है।
  • सूर्य ग्रहण से धरती पर और चंद्र ग्रहण से समुद्र एवं समुद्री क्षेत्र पर असर पड़ता है। 
  • सूर्य ग्रहण से मानव के मस्तिष्क एवं जीवन के युद्ध एव राजनीतिक क्षेत्र में प्रभाव पड़ता है।
  • इसी के साथ सूर्य ग्रहण का भूकंप और आग पर भी असर होता है।
  • चंद्र ग्रहण से मानव के मन और जल तत्व पर प्रभाव पड़ता है। इससे बैचेनी और मानसिक रोग बढ़ जाते हैं।
  • दोनों ही ग्रहर करीब होने से इस बाद देश और दुनिया की मानसिक बैचेनी बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ जाएगी।