* कैसे करें गुरुवार व्रत, जानें पूजा विधि एवं 13 काम की बातें...
गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णुजी की पूजा की जाती है। कई जगह देवगुरु बृहस्पति व केले के पेड़ की पूजा करने की भी मान्यता है। बृहस्पति बुद्धि के कारक माने जाते हैं, हिन्दुओं की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले का पेड़ पवित्र माना जाता है।
गुरुवार व्रत पूजा विधि
* यह व्रत अनुराधा नक्षत्रयुक्त गुरुवार से आरंभ कर लगातार 7 गुरुवार उपवास रखना चाहिए।
* व्रती को प्रात: उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत संकल्प लेना चाहिए।
* अगर बृहस्पतिदेव की पूजा करनी हो तो उनका ध्यान करना चाहिए और फल, फूल पीले वस्त्रादि से बृहस्पतिदेव और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए।
* प्रत्येक उपवास के दिन श्रीहरि की पूजा के पश्चात गुरुवार व्रत कथा सुननी चाहिए।
* इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
* पीले फलों का पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए।
* केले का प्रसाद बहुत शुभ माना जाता है।
* केले दान करना भी शुभ रहता है।
* इस दिन सिर्फ एक बार बिना नमक का पीले रंग का भोजन ग्रहण करना चाहिए, चने की दाल का प्रयोग भी उत्तम माना जाता है।
* बृहस्पतिवार की कथा शाम के समय सुननी चाहिए और कथा के बाद बिना नमक का भोजन ग्रहण करना चाहिए।
* इस व्रत की मान्यता है कि विधिपूर्वक उपवास रखने व गुरुवार व्रतकथा सुनने या पढ़ने से गुरु ग्रह से संबंधित दोष दूर हो जाता है और अपने से बड़े लोगों की कृपा बनी रहती है।
* इस दिन कपड़े धोना या फिर बाल या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना जाता है।
* बृहस्पतिवार के दिन किसी भी साधु-संन्यासी, बड़े-बुजुर्ग, दीन-दु:खी लोगों का उपहास नहीं उड़ाना चाहिए, न ही उनकी उपेक्षा करनी चाहिए। इनकी सेवा करके पुण्य कमाना चाहिए, साथ ही ऐसे कर्म भी नहीं करने चाहिए जिनसे गुरु ग्रह (बृहस्पति) के कोप का भाजन बनना पड़े।