मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Falgun Amavasya Date 2024
Written By WD Feature Desk

फाल्गुन अमावस्या के पूजन मुहूर्त और महत्व जानें

फाल्गुन अमावस्या के पूजन मुहूर्त और महत्व जानें - Falgun Amavasya Date 2024
Falgun Amavasya In Hindi 
HIGHLIGHTS
 
• फाल्गुन अमावस्या कब है।
• फाल्गुन अमावस्या के मुहूर्त।
• फाल्गुन अमावस्या का महत्व।
falgun amavasya : हिन्दू धर्म में फाल्गुन माह की अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है। कैलेंडर के मतांतर के चलते शनिवार को जहां दर्श अमावस्या मनाई गई, वहीं फाल्गुन कृष्ण अमावस्या रविवार को भी मनाई जा रही है। बता दें कि रविवार को भले ही चंद्र आसमान में पूरी तरह से लुप्त हो, लेकिन इस दिन चंद्रमा के पूजन से संपूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पूजन का शुभ समय- 
 
10 मार्च 2024 रविवार : फाल्गुन अमावस्या के शुभ मुहूर्त
 
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ- 09 मार्च 2024 को 09:47 ए एम से, 
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या का समापन- 10 मार्च, 05:59 ए एम पर। 
 
वार- रविवार
तिथि- अमावस्या- 05:59 ए एम तक।
क्षय तिथि प्रतिपदा- 02:14 ए एम, 11 मार्च तक।
नक्षत्र- पूर्व भाद्रपद- 05:25 पी एम तक।
साध्य योग- 07:44 ए एम तक।
राहुकाल- 04:13 पी एम से 05:45 पी एम तक।
गुलिक काल- 02:42 पी एम से 04:13 पी एम तक।
यमगंड- 11:39 ए एम से 01:10 पी एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:15 ए एम से 12:03 पी ए तक।
महत्व : हिन्दू धर्मशास्त्रों में अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। पितृ-तर्पण, श्राद्ध आदि कार्यों के लिए यह दिन अतिशुभ होता है। फाल्गुन अमावस्या यानी हिन्दू वर्ष के अंतिम माह में पड़ने वाली अमावस्या। फाल्गुन या फागुन माह में आने वाली अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार यदि दिन धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु सायंकाल के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए, जिसमें रूई की बत्ती के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करने से मां लक्ष्मी अपनी अपार कृपा बरसाती है तथा प्रसन्न होकर घर में धन-संपन्नता, सुख-समृद्धि बरसाती हैं तथा घर में बरकत आती है।
 
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर फाल्गुन अमावस्या मनाई जाती है। मान्यतानुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। फाल्गुनी अमावस्या का महत्व पौराणिक शास्त्रों में मिलता हैं, जिसके अनुसार फाल्गुन मास में आने वाली इस फाल्गुनी अमावस्या का बेहद महत्व है। इसका एक विशेष कारण यह भी है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या के ठीक एक दिन पहले महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, जो कि देवाधिदेव महादेव का पावन पर्व है। चूंकि इसके साथ इतना पवित्र और शुभ दिन जुड़ा होता है, अत: फाल्गुन अमावस्या के दिन गंगाल नदी तट, सरोवार में स्नान करना और दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ होता है।
 
इस संबंध में यह भी माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है। तथा जब कुंभ का पवित्र आयोजन हो, तब तो इस संगम स्नान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। अत: कुछ खास तिथियों पर प्रयाग संगम स्नान का भी अति महत्व कहा गया है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।