पौराणिक शास्त्रों में दशावतार व्रत के संबंध में बताया गया है। प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी तिथि के दिन दशावतार व्रत किया जाता है। वर्ष 2020 में यह व्रत 28 अगस्त, शुक्रवार को किया जा रहा है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के 10 अवतारों की पूजा की जाती है।
भाद्रपद शुक्ल दशमी के दिन विधि-विधानपूर्वक दशावतार व्रत करना बहुत अधिक फलदायी बताया गया है।
आइए जानें कैसे करें दशावतार व्रत और पूजन :-
* प्रात: अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ एवं धुले हुए वस्त्र धारण करें।
* अब दशावतार पूजन के लिए रोली, अक्षत, दीपक, पुष्प, माला, नारियल, नैवेद्य, कपूर, फल, गंगाजल, यज्ञोपवीत, कलश, तुलसी दल, श्वेत चंदन, हल्दी, पीत एवं श्वेत वस्त्र आदि सामग्री एकत्रित करके अपने पूजा स्थान में रखें।
* तत्पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण करें।
* भगवान श्रीहरि विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
* अब उपरोक्त सामग्री से श्रीहरि विष्णु का पंचोपचार पूजन करें।
* इस प्रकार दशावतार पूजन करके श्रीहरि विष्णु का ध्यान धरें।
* इस दिन विष्णु मंत्र जाप, विष्णु सहस्रनाम, कीर्तन, स्मरण, दर्शन, विष्णु स्तोत्र आदि का पाठ अवश्य करना चाहिए।
* इस दिन विष्णु की कथाओं का स्मरण करने का विशेष महत्व है अत: श्रीहरि के दशावातार की कथा अवश्य ही पढ़नी और सुननी अथवा दूसरों को सुनानी चाहिए।
* श्रीहरि विष्णु का सर्वशक्तिशाली महामंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें। अपने सामर्थ्यनुसार 1, 5 या 11 माला अवश्य जपें।
यह व्रत करने से हर मनुष्य के जीवन के सभी के कष्ट दूर होते हैं तथा यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति देने वाला व्रत माना गया है।