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  4. 6 predictions of Bhavishya Malika came true
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 19 मई 2025 (15:23 IST)

भविष्‍य मालिका की 6 भविष्‍यवाणियां हुईं सच, जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखकर की गई हैं भविष्‍यवाणियां

Bhavishya Malika Puran
bhavishya malika in hindi: ओड़िसा में पंचसखा हुए हैं यानी पांच मित्र। यह पांचों मित्र संत थे जिनमें से एक है संत अच्युतानंद दास। अच्युतानंद दास का जन्म 10 जनवरी 1510 को ओड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में हुआ था और उनका निधन 1631 में हुआ था। यानी आज से 515 साल पहले उनका जन्म हुआ था। कहते हैं कि पंच सखाओं ने मालिका नाम से 21 लाख किताबें लिखी हैं। ये ग्रंथ ओडिशा में जगन्नाथ पुरी के मठों, मंदिरों और महंतों के पास अलग-अलग रखे हुए हैं, लेकिन अच्युतानंद दास ने 318 पुस्तकें लिखी है। इन पुस्तकों को अच्युतानंद मलिका के नाम से जाना जाता है। इनमें से कुछ पुस्तकें भविष्‍य का संकेत देती हैं। संत अच्युतानंद दास जी ने हरिवंश, केबार्ता गीता, गोपलंकाओगलाब, गुरु भक्ति गीता, अनाकार संहिता, 46 पटल आदि शामिल है। उन्होंने भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्यकाल पर अलग अलग रचनाएं भी की हैं जिन्हें मालिका के नाम से जाना जाता है। उनकी सभी रचनाएं अत्यंत जटिल है। भविष्यकाल पर की गई रचना को भविष्य मालिका कहने लगे हैं कहते हैं कि संत अच्युतानंद दास ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखकर कई भविष्‍यवाणियां की है। उनमें से 6 भविष्‍यवाणी सच होने का दावा किया जा रहा है।ALSO READ: भारत- पाकिस्तान को लेकर क्या भविष्य मालिका की भविष्यवाणियां हो रही हैं सच, आगे क्या होगा?
 
जगन्नाथ पुरी का मंदिर: भविष्य मालिका के अनुसार धरती 3 चरणों से गुजर रही है। पहला कलयुग का अंत होगा, दूसरा महाविनाश होगा और तीसरा आएगा एक नया युग। मान्यता है कि पुरी के जगन्नाथ से जो भी शुभ या अशुभ संकेत मिलते हैं, वह पूरे जगत में होता है। 
 
इसी वायरल हो रही भविष्य मालिका के अनुसार जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा, मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी, जगन्नाथ पुरी मंदिर के पत्थर गिरेंगे, ओडिशा में चक्रवाती तूफान से कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ गिर जाएगा, तब लोग मरने लगेंगे। जगन्नाथ मंदिर का झंडा कई बार गिरेगा और एक चक्रवाती तूफान के कारण झंडा समुद्र में जा गिरेगा। जगन्नाथ मंदिर का सुदर्शन चक्र तूफान से टेढ़ा हो जाएगा। जगन्नाथ पुरी के मंदिर के झंडे में आग लग जाएगी। मंदिर परिसर में त्रिदेव के ऊपर जो कपड़ा है, उसमें आग लग जाएगी। मंदिर के शिखर पर एकाश्म स्तंभ पर गिद्ध बैठेगा। जगन्नाथ के मंदिर में बार-बार रक्तपात होगा, खून के धब्बे मिलेंगे। जब ऐसे होगा तो समझना की कलयुग के अंत की शुरुआत हो चुकी है। उपरोक्त प्रत्येक घटना से एक भविष्यवाणी भी जुड़ी है।
 
1. कोरोना महामारी का संकेत: भविष्य मालिका के अनुसार जिस दिन जगन्नाथ मंदिर प्रांगण का कल्पबता (बरगद का वृक्ष ) वृक्ष गिर जाएगा उस दिन के बाद से बड़ी संख्या में लोग मरने लगेंगे। कोई बेटा और उसके कुटुंब के लोग किसी को मुखाग्नी नहीं देंगे। चारों तरफ काल मंडराएगा। साल 2019 में फेनी चक्रवात तूफान के कारण 700 साल पुराना यह वृक्ष गिर गया था। इसके बाद चीन से निकले कोरोना वायरस ने दुनिया में तांडव मचाना प्रारंभ किया। इसी भविष्यवाणी में जुड़ा है कि जब कोई बड़ा पक्षी गुम्बद पर बैठेगा तो भारत में काल मंडराने लगेगा। 
 
जगन्नाथ मंदिर का झंडा कई बार गिरेगा और एक चक्रवाती तूफान के कारण झंडा समुद्र में जा गिरेगा। इसके बाद बुरा समय प्रारंभ होगा। मई 2019 में चक्रवाती तूफान फानी के कारण यह घटना घट चुकी है। इसके बाद मई 2020 में भी यह घटना घट चुकी है। इसके बाद देश में कोराना वायरस के कारण लॉकडाउन लग गया था। कहा जाता है कि वर्ष 2020 में आकाशीय बिजली के कारण ध्वज में आग लग गई थी। इसके बाद कोराना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। ALSO READ: भविष्य मालिका की भविष्यवाणी होगी सच, पाकिस्तान के होंगे 4 टुकड़े?
 
2. भारत पाकिस्तान युद्ध होगा: भविष्य मालिका में लिखा है कि शनि ग्रह जब मीन राशि में जाएगा तब भारत का समय खराब शुरू होगा। ढाई वर्ष तक अराजकता रहेगी। 29 मार्च 2025 को शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया था। 14 अप्रैल 2024 को एक चीन जगन्नाथ के ध्वज को अपने पंजे में पकड़ कर समुद्र की ओर ले उड़ी थी। इसके बाद स्थानीय लोगों और ज्योतिष के अनुसार यह घटना किसी अपशकुन की ओर इशारा कर रही थी। इसके बाद 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ और तब भारत ने चलाया ऑपरेशन सिंदूर जिसके कारण भारत और पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात हो चले थे। लेकिन किसी कारणवश सीजफायर हो गया। हालांकि आशंक जताई जा रही है कि यह बड़े युद्ध की रिहर्सल थी।
 
भारत के संदर्भ में कन्नड़ में लिखी भविष्वाणी के अनुवाद में यह कहा जाता है कि 6 और 7 का जोड़ 13 होता है और इसी में 13 और मिलाने से 26 अंक आता है। इसी 26 अंक के माध्यम से अच्युतानंद दास ने भारत पर होने वाले हमले के बारे में भविष्वाणी की है। शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। इसके बाद वर्ष 2026 को महायुद्ध की आशंका जताई जा रही है।
 
4. एक संत के हाथों होगी भारत की बागडोर: भविष्यवाणी के अनुसार एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा। वही संपूर्ण क्षत्रप होगा। ऐसा तब होगा जब मंदिर में गगन गादी पर विराजमान होंगे और ओड़िसा के दिव्यसिंह राजा गादी पर होंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गगन नाम का व्यक्ति गादी पर विराजमान है और ओड़िसा के दिव्यसिंह राजा हैं।
 
5.आस्तिकों की संख्‍या घटेगी : भविष्य मालिका के अनुसार जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा, मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी, जगन्नाथ पुरी मंदिर के पत्थर गिरेंगे, मंदिर झंडा समुद्र में गिर जाएगा। चक्र की दिशा बदल जाएगी। ओडिशा में चक्रवाती तूफान से कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ गिर जाएगा, तब समझना की कालचक्र प्रारंभ हो गया है। बुजुर्गों और शिक्षकों को निरादर होगा वहीं पाखंडी लोग धर्मगुरु बनकर लोगों को छलेंगे। भविष्य में लोगों के मन में धर्म, संवेनदनशीलता, प्रेम और संस्कार खत्म हो जाएंगे। नेक और धार्मिक भक्तों का मजाक उड़ाया जाएगा। धीरे-धीरे आस्तिकों की संख्‍या घटेगी और यह दुनिया आस्तिकों और नास्तिकों के बीच विभाजित हो जाएगी। इंसान व्यभिचारी हो जाएंगे। पुरुष का पुरुष से और महिला का महिला से अप्राकृतिक संबंध बनेगा। ALSO READ: भारत के संबंध में बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस और अच्युतानंद ने पहले ही बता दी थीं ये बातें
 
5. खेती बंद हो जाएगी, जानवर शहर में होंगे: किसान खेती का काम बंद कर देंगे और जंगली जानवर गांव और शहर पर हमला करना शुरू कर देंगे। इंसान के घर पर जानवरों का हमला होगा। आए दिन इंसान और जानवरों में भिड़ंत होते हुए देखेंगे। 
 
6. प्राकृति आपदाएं तबाही मचाएगी: जगन्नाथपुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण होगा। ओड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा। यानी बालबुद्धि होगा। भगवान जगन्नाथ के धाम पुरी मंदिर के ऊपर से पत्‍थर नीचे गिरेंगे और मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा। इस दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते भारतवर्ष में नीलंचल (जगन्नाथपुरी) समुद्र के गर्भ में विलीन हो जाएगा।... यह भविष्यवाणी अधुरी है। इसका पहला हिस्सा पूर्ण हो गया है और अब जगन्नाथ मंदिर के समुद्र में डूबने की भविष्‍यवाणी बाकी है। जब गगन गादी संभालेंगे तब जगन्नाथ का मंदिर समुद्र के जल में डूब जाएगा। मंदिर क्या संपूर्ण ओड़िशा में जल प्रलय होगी। 
  
डिस्क्लेमर : उपरोक्त जानकारी विभिन्न स्रोत पर आधारित है। इसकी आधिकारिक पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है।ALSO READ: नास्त्रेदमस और अच्युतानंद दास की इन 5 भविष्यवाणियों में है समानता