शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. 22 June 2021 Bhaum pradosh vrat
Written By

Bhaum pradosh vrat 2021 : भौम प्रदोष व्रत आज, जानें पूजन विधि एवं मुहूर्त

Bhaum pradosh vrat 2021 : भौम प्रदोष व्रत आज, जानें पूजन विधि एवं मुहूर्त - 22 June 2021 Bhaum pradosh vrat
Bhaum Pradosh Vrat
 
भौम प्रदोष व्रत जब किसी भी मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब यह व्रत रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का व्रत 22 जून 2021, दिन मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम है। यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाता है।
 
हमें अपने दैनिक और व्यावहारिक जीवन में कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन रुपयों-पैसों का कर्ज लेना आवश्यक हो जाता है। तब आदमी कर्ज, ऋण तो ले लेता है, लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में कर्ज संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत लाभदायी सिद्ध होता है।
 
भौम प्रदोष पर पूजन का मुहूर्त-
 
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- मंगलवार, 22 जून 2021 को सुबह 10.22 मिनट हो रहा है और बुधवार, 23 जून 2021 प्रातः 6.59 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा। 
 
प्रदोष काल पूजन का समय- शाम 07.22 मिनट से रात्रि 09.23 मिनट पर रहेगा। 
 
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस बार त्रयोदशी तिथि को सिद्धि व साध्य योग बन रहे हैं। इस दिन दोपहर 1.52 मिनट तक सिद्धि योग और उसके बाद साध्य योग लग जाएगा। ये बेहद शुभ योग है और इन योगों में कोई भी कार्य करने से उसमें सफलता की प्राप्त होती है। इस दिन दोपहर 02.23 मिनट तक विशाखा नक्षत्र रहेगा। तत्पश्चात अनुराधा नक्षत्र लग जाएगा।
 
कैसे करें पूजन-
 
* हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसमें मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व माना गया है।
 
* भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जातक के जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
 
* इस दिन ब्रह्म मूहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
 
* अब चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर मौली बांधें। भगवान शिवशंकर की प्रतिमा या शिवलिंग विराजित करें। अब कच्चा दूध मिले जल से अभिषेक करें और गंगाजल अर्पित करके फूल, धतूरा, भांग अथवा मौसमी फल चढ़ाएं। धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं तथा शिवजी की आरती करें, भोग लगाएं।
 
* इसी तरह सायंकाल को भी मुहूर्त के अनुसार शुभ समय में शिवजी का पूजन करें।
 
* अगर मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि आती है, तो इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है तथा कर्ज से मुक्ति के लिए इस दिन शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी सिद्ध होता है।
 
* इस दिन मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से ऋण से जातक को जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
 
* इस व्रत-पूजन से मंगल ग्रह की शांति भी हो जाती है।
 
* मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
 
* इस दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करके बजरंग बली को बूंदी के लड्डू अर्पित करके उसके बाद व्रतधारी को भोजन करना चाहिए।
 
* भौम प्रदोष का व्रत बहुत प्रभावकारी माना गया है। जहां एक ओर भगवान शिव व्रतधारी के सभी दुःखों का अंत करते हैं, वहीं मंगल देवता अपने भक्त की हर तरह से मदद करके उसे उस बुरी स्थिति से बाहर निकालने में उसकी मदद करते हैं।
 
ये भी पढ़ें
Kabir Das Jayanti 2021 : कबीर पंथ की 12 खास बातें