• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. 2 to 8 August 2021 Weekly Muhurat

August Weekly Muhurat : अगस्त माह का पहला सप्ताह, 7 दिन के विशिष्ट मुहूर्त यहां पढ़ें

August Weekly Muhurat : अगस्त माह का पहला सप्ताह, 7 दिन के विशिष्ट मुहूर्त यहां पढ़ें - 2 to 8 August 2021 Weekly Muhurat
* (साप्ताहिक मुहूर्त 2 अगस्त से 8 अगस्त 2021 तक) 
 
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। 'वेबदुनिया' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए सप्ताह के 7 दिन के विशिष्ट मुहूर्त। अगर आप इन 7 दिनों में वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं या कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं तो इस शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें।


ज्योतिष एवं धर्म की दृष्टि से किसी भी कार्य का शुभारंभ करने से पहले मुहूर्त देखने का विशेष महत्व है। यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं 2 अगस्त से 8 अगस्त 2021 तक 7 दिन के खास मुहूर्त...
 
2 अगस्त 2021, सोमवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण 
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-सोमवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-नवमी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-कृत्तिका
योग (सूर्योदयकालीन)-वृद्धि
करण (सूर्योदयकालीन)-गरज
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
राहुकाल- प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक  
दिशा शूल-आग्नेय 
योगिनी वास-पूर्व
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-वृषभ
व्रत/मुहूर्त-भद्रा/सर्वार्थसिद्धि योग
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
आज का उपाय-मंदिर में खीर का भोग लगाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

3 अगस्त 2021, मंगलवार के शुभ मुहूर्त 
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण  
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-मंगलवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-दशमी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-रोहिणी
योग (सूर्योदयकालीन)-ध्रुव
करण (सूर्योदयकालीन)-विष्टि
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
दिशा शूल-उत्तर 
योगिनी वास-उत्तर
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-वृषभ
व्रत/मुहूर्त-भद्रा/सर्वार्थसिद्धि योग
यात्रा शकुन- दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
आज का उपाय-हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का पंचमुखा दीपक लगाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

4 अगस्त 2021, बुधवार के शुभ मुहूर्त 
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण 
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-बुधवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-एकादशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-मृगशिरा
योग (सूर्योदयकालीन)-व्याघात
करण (सूर्योदयकालीन)-बालव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
दिशा शूल-ईशान
योगिनी वास-आग्नेय
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मिथुन
व्रत/मुहूर्त-कामदा एकादशी व्रत (सर्वे.)/जातकर्म/ नामकरण मु.
यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
आज का उपाय-किसी विप्र को हरे फल सहित कांस्य पात्र दान करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

5 अगस्त 2021, गुरुवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण 
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-गुरुवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वादशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-आर्द्रा
योग (सूर्योदयकालीन)-हर्षण
करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल-दक्षिण  
योगिनी वास-नैऋत्य
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मिथुन
व्रत/मुहूर्त-प्रदोष व्रत/वाहन क्रय मुहूर्त
यात्रा शकुन- बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
आज का उपाय-किसी विप्र को स्वर्ण भेंट करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

6 अगस्त 2021, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त 
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण 
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-शुक्रवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-त्रयोदषी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-आर्द्रा
योग (सूर्योदयकालीन)-वज्र
करण (सूर्योदयकालीन)-वणिज
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल-वायव्य 
योगिनी वास-दक्षिण
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-कर्क
व्रत/मुहूर्त-सर्वार्थसिद्धि योग/मास शिवरात्रि
यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
आज का उपाय-शिव मंदिर में शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

7 अगस्त 2021, शनिवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण 
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-वर्षा
संवत्सर नाम-आनन्द
वार-शनिवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-चतुर्दशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पुनर्वसु
योग (सूर्योदयकालीन)-सिद्धि
करण (सूर्योदयकालीन)-विष्टि
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय- प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक
राहुकाल- प्रात: 9:00 से 10:30 तक
दिशा शूल-पूर्व
योगिनी वास-पश्चिम
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित 
चंद्र स्थिति-कर्क
व्रत/मुहूर्त-पंचक प्रारंभ/भद्रा
यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
आज का उपाय-शनि मंदिर में सौंफ चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

8 अगस्त 2021, रविवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2078, शक संवत्-1943, हिजरी सन्-1442, ईस्वी सन्-2021
अयन-दक्षिणायण
मास-श्रावण
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम-आनन्द
ऋतु-वर्षा
वार-रविवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-अमावस
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पुष्य
योग (सूर्योदयकालीन)-व्यतिपात
करण (सूर्योदयकालीन)-चतुष्पद
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32 
राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
दिशा शूल- पश्चिम 
योगिनी वास-ईशान
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित 
चंद्र स्थिति-कर्क
व्रत/मुहूर्त-रविपुष्य/सर्वार्थसिद्धि योग/हरियाली अमावस/मूल प्रारंभ
यात्रा शकुन- इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
आज का उपाय-मंदिर में स्वर्ण दान दें।
वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
 
(निवेदन-उपर्युक्त विवरण पंचांग आधारित है पंचांग भेद होने पर तिथि/मुहूर्त/समय में परिवर्तन होना संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 
ये भी पढ़ें
चमकदार सफलता चाहिए तो इस दिन धारण करें डायमंड, जानिए महत्व