भगवान गणेश किस रंग में होंगे प्रसन्न
आपकी राशि के अनुसार श्री गणेश पूजन
देवों के देव गणनायक रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी को दोपहर में हुआ। मां पार्वती जी ने भगवान गणेश जी को अवतरित किया था। जब वे अवतरित किए गए थे तब गणदेव नहीं हुए थे। भगवान शिव ने उनकी परीक्षा ली, कहा, जाओ सबसे पहले जो सारी सृष्टि का चक्कर लगाकर आएगा वही देवताओं में श्रेष्ठ कहा जाएगा। अब गणेश जी का भारी भरकम शरीर व उनका वाहन भी चूहा...। ऐसे में कैसे जाए और कार्तिकेय स्वामी का वाहन मोर वे तो सृष्टि का चक्कर लगाने के लिए निकल पड़े। गणेशजी ने सोचा मां-बाप के चरणों में ही सारी दुनिया है, तो क्यों न उन्हीं के सात चक्कर लगा लिए जाए। यह सोच उन्होंने वहीं बैठे शिव-पार्वती के सात चक्कर लगा लिए। इसके बाद कार्तिकेय स्वामी चक्कर लगा कर आए। अब निर्णय की बारी आई तब निर्णय यह हुआ कि जन्मदाता ही सर्वोपरि होता है। अगर वे जन्म ही ना देते तो हम कहां से आते। इसी कारण से भगवान गणेश जी को सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान व गणदेव माना गया। तभी से समस्त मंगल कार्यों में भगवान गणेशजी को सर्वप्रथम पूज्य माना। भगवान गणेशजी को मोदक ही प्यारे क्यों हैं, क्योंकि अनेक बूंदियों से मिलकर एक लड्डू बनता है। इससे यह सीख मिलती है कि सब हिल-मिल कर रहे। अनेकता में ही एकता है।
स्वाति-राहु के नक्षत्र में जन्मे भगवान गणेशजी को राहु की महादशा लगने से उनका सिर कटा व हाथी के बच्चे का सिर लगा। तभी से हाथी को गणेशजी का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं किस राशि के जातक कौन-से रंग से बनी गणेश मूर्ति का पूजन करें ताकि उन्हें तुरंत फल प्राप्ति हो। भगवान गणेश किस रंग में होंगे प्रसन्न * मेष व वृश्चिक राशि वालों को सुख-शांति व रिद्धि-सिद्धि हेतु सिंदूरिया रंग के गणेशजी की स्थापना कर शुभ मंत्रों से पूजन करना चाहिए। * वृषभ व तुला राशि वालों के लिए सिल्वर रंग के गणेशजी की स्थापना कर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। * मिथुन व कन्या राशि वालों को हरित गणपति जी की मूर्ति स्थापित कर पूजन करना चाहिए। * कर्क राशिवालों को सफेद रंग के गणेशजी की स्थापना करनी चाहिए। * सिंह राशि वालों के लिए गुलाबी रंग के गणेशजी की स्थापना करनी चाहिए। * धनु व मीन राशि वालों के लिए हरिद्रा गणेशजी की स्थापना कर पूजन करना चाहिए। * मकर राशि वालों के लिए नीले रंग के गणेशजी की स्थापना करना चाहिए। * कुंभ राशि वालों के लिए फिरोजी रंग के गणेश प्रतिमा की स्थापना कर लाभ उठाया जा सकता है। भगवान गणेश जी की पूजा पूरे श्रद्धा भाव से किसी भी रूप में की जाएं तो फलदायी ही होती है। व्रत के दिन प्रातः स्नानादि कर- मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायकपूजनमहा करिष्ये से संकल्प करके स्वस्तिक मण्डल पर प्रत्यक्ष अथवा स्वर्णादिनिर्मित मूर्ति स्थापना करके पूजन करें और फिर 12 नाम पूजा और 21 पत्र पूजा करके धूप दीपादि से शेष उपचार संपन्न करें। अंत में 21 मोदक अर्पण कर- '
विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्य में सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि॥' मंत्र से प्रार्थना करें और मोदक का प्रसाद वितरण कर एक वक्त भोजन करें। भगवान गणेशजी सदा प्रसन्न रहे इसके लिए सर्वप्रिय मंत्र - ॐ गं गणपतये नमः का जाप श्रद्धा भक्तिनुसार करें निष्काम भाव से कि गई पूजा सदैव फलदायक होती है।