पाँच बुध तेजी व पाँच गुरु मंदी के कारक
कार्तिक माह का व्यापार ज्योतिष की नजर में
कार्तिक माह की शुरुआत 15 अक्टूबर से हो रही है। यह 13 नवंबर तक रहेगा। इस मास में 5 बुधवार तेजी के कारक और 5 गुरुवार मंदी के कारक हैं। अत: व्यापारी को बढ़े भाव (बेचान) बोलकर घटे भाव ही खरीद करना लाभप्रद रहेगा। कार्तिक दूज से रुई, कपास, चाँदी के भावों में विशेष मंदीकारक सिद्ध होगा। नारियल, सुपारी, चंदन में तेजी होगी।सोना, जौ, गेहूँ, चना के भावों में तेजी का प्रभाव बनेगा। यह प्रभाव एक माह तक रहने की संभावना है। इससे मंदी बढ़ने की संभावना ज्यादा रहेगी। दशमी को स्वाति नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश होगा फलस्वरूप सरसों, अलसी, अरण्डी़, तिल, तेल, सुपारी, लालमिर्च, सोना-चाँदी, ताँबा, जिंक, रुई, गुड़-शकर में तेजी रहेगी। इस माह में दीपावली मंगलवार होने से विशेष अनिष्टकारक है अत: व्यापारियों के हितों पर सरकारी तंत्र और पूँजीपतियों द्वारा कुठाराघात किया जाएगा।शुक्ल पक्ष में गुरुवार को चंद्र दर्शन होने से विशेष मंदी का प्रभाव रहेगा। कार्तिक सुदी तीज को रात्रि में बुध का तुला राशि में संचरण होगा। इसके फलस्वरूप गुड़, खांड, रुई, कपास, खल, बिनौला, मूँगफली में मंदी पक्ष के अंत तक सिद्ध होगा। परंतु विशेष रूप से कार्तिक तीज के ऊँचे व नीचे भाव महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। |
15 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत हो रही है। यह 13 नवंबर तक रहेगा। इस मास में 5 बुधवार तेजी के कारक और 5 गुरुवार मंदी के कारक हैं। अत: व्यापारी को बढ़े भाव (बेचान) बोलकर घटे भाव ही खरीद करना लाभप्रद रहेगा। |
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अत: भावों में बहुत उतार-चढ़ाव आएगा। अत: व्यापारी बंधु हर समय भावों को देखते हुए सतर्कतापूर्वक व्यापार करें। क्योंकि इसी माह बुधास्त लंबी मंदी दे सकता है। अत: जैसे ही बढ़े भाव मिलें, व्यापारी को लाभ उठा लेना चाहिए। यह लाभप्रद रहेगा। कार्तिक शुक्ल नवमी से जौ, सूत, कपास, रुई, वस्त्र, सोना-चाँदी, ताँबा, जिंक में तेजी होगी। तिलहन में जोरदार मंदी का दौर चल सकता है। जुवार, बाजरा, चना, अलसी में तेजी आ सकती है। जबकि गुवार में जोरदार गिरावट की संभावना है। इति शुभम्।