अपनी राशिनुसार लगाएं श्रीगणेश को भोग
गणेश आराधना के मंत्र और नैवेद्य
भारत भर में भगवान शिव व माता पार्वती के दुलारे प्रथम पूज्य श्रीगणेश की आराधना हर्षोल्लास से की जा रही है। श्रीगणेश अपने भक्तों की थोड़ी-सी भक्ति से ही खुश हो जाते है और उनके सारे संकट दूर करते हैं। ऐसे में गणेशोत्सव के दौरान कोई भी भक्त अपनी राशि के अनुसार भगवान गणेश का पूजन व उन्हें भोग लगाता हैं तो वे अपने भक्तों को जिन कार्यों में भी परेशानी आ रही हो, वो दूर करते हैं। साथ ही मंगलमूर्ति गणेश की विशेष कृपा प्राप्ति भी होती है। ज्योतिषाचार्य पं. राजकुमार शास्त्री कहते हैं कि गणेश पर्व के विशेष मुहूर्त में नित्य गणेश का पूजन करें तथा उन्हें राशिनुसार भोग लगाएं ताकि आप सभी के जीवन की सारी परेशानियां दूर होकर आनंद की प्राप्ति की जा सकें। राशि-स्वरूप मंत्र और भोग निम्नानुसार है।
राशि-स्वरूप- मेष- वक्रतुंड। मंत्र- ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ भोग- छुआरा और गु़ड़ के लड्डू। वृषभ- विनायक। मंत्र- ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं॥ भोग- मिश्री, शक्कर, नारियल से बने लड्डू। मिथुन- लक्ष्मी-गणेश।मंत्र- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वश्मानयं स्वाहा॥ भोग- मूंग के लड्डू, हरे फल।कर्क- वक्रतुंड। मंत्र- ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ भोग- मोदक के लड्डू, मक्खन, खीर।सिंह- लक्ष्मी-गणेश। मंत्र- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वश्मानयं स्वाहा॥ भोग- गुड़ से बने मोदक के लड्डू व लाल फल, छुआरा। कन्या- लक्ष्मी-गणेश ॐ गं गणपतयै नमः॥ मंत्र- ॐ श्रीं श्रियैः नमः॥ भोग- हरे फल, मूंग की दाल के लड्डू व किशमिश।तुला- शक्ति विनायक। मंत्र- ॐ ह्रीं, ग्रीं, ह्रीं॥ भोग- मिश्री, लड्डू और केला।वृश्चिक- वक्रतुंड। मंत्र- ॐ वक्रतुण्डाय हुं॥ भोग- छुआरा और गु़ड़ के लड्डू।धनु- हरिद्रा रूप। मंत्र- हुं गं ग्लौं हरिद्रागणपतयै वरवरद दुष्ट जनहृदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा॥ भोग- मोदक व केला।मकर- लम्बोदराय रूप।मंत्र- ॐ लम्बोदराय नमः॥भोग- मोदक के लड्डू, किशमिश, तिल के लड्डू।कुंभ- सर्वेश्वराय रूप।मंत्र- ॐ सर्वेश्वराय नमः॥भोग- गु़ड़ के लड्डू व हरे फल।मीन- सिद्धि विनायक। मंत्र- ॐ सिद्धि विनायकाय नमः॥ भोग- बेसन के लड्डू, केला, बादाम।प्रातःकाल स्नान कर सभी गणेश भक्त भगवान का विधि-विधान से पूजन-अर्चन करेंगे तो निश्चित ही सारे सुख प्राप्त होंगे।