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Written By भाषा

नए साल में चार रोमांचक ग्रहण

2012 में दिखेगा शुक्र का दुर्लभ पारगमन

Eclipse of the Year 2012 | नए साल में चार रोमांचक ग्रहण
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नए साल 2012 में दुनिया को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाई देंगे। वहीं एक दुर्लभ खगोलीय घटना के दौरान शुक्र किसी गेंद की तरह, लेकिन धीरे-धीरे सूर्य के सामने से गुजरता दिखाई देगा। हालांकि, इन चार ग्रहणों में से भारत में केवल एक के दिखने की उम्मीद है, वह भी देश के सीमित हिस्से में।

उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘ग्रह त्रिमूर्ति’ को लेकर भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के मुताबिक अद्भुत खगोलीय घटनाओं का यह सिलसिला 21 मई 2012 को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण से शुरू होगा।

उन्होंने बताया, ‘नववर्ष का पहला ग्रहण खासकर पूर्वोत्तर भारत में दिखाई देगा।’ आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच से चंद्रमा इस तरह गुजरता है कि पृथ्वी से देखने पर सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।

गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2012 में चार जून को आंशिक चंद्रग्रहण होगा। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा हालांकि भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन होगा।

आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चांद का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हों।

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तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 2012 में 14 नवंबर को साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। बहरहाल, यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा क्योंकि खगोलीय घटना देश में सूरज उगने से पहले होगी।

पूर्ण सूर्यग्रहण के वक्त ‘ग्रह त्रिमूर्ति’ की खास स्थिति के कारण पृथ्वी से देखने पर पूरा सूर्य चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।

28 नवंबर को लगने वाला उपच्छाया चंद्रग्रहण वर्ष 2012 का आखिरी ग्रहण होगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा (ग्रहण के वक्त धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है।

इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है।

गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2012 छह जून को शुक्र के पारगमन की दुर्लभ खगोलीय घटना का भी गवाह बनेगा।

उन्होंने बताया, ‘इस घटना के वक्त पृथ्वी से देखने पर शुक्र सूर्य के सामने से धीमी रफ्तार में क्रिकेट की गेंद के आकार में गुजरता दिखाई देगा।’ गुप्ता ने बताया कि शुक्र के पारगमन की घटना करीब छह घंटे तक चलेगी और यह नजारा पूरे भारत में देखा जा सकेगा।

वर्ष 2011 के खाते में कुल जमा छह ग्रहण लिखे थे। इनमें चार आंशिक सूर्यग्रहण व दो पूर्ण चंद्रग्रहण शामिल हैं। मौजूदा साल का आखिरी ग्रहण 10 दिसंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में देखा गया था। (भाषा)