साल में पहली बार रोहित शर्मा बतौर कप्तान नहीं जीत पाए कोई टूर्नामेंट
रोहित शर्मा ने टी-20 विश्वकप से जैसे ही कप्तानी की कमाल संभाली थी वैसे ही टीम का काया पलट हो गया था। खासकर टी-20 क्रिकेट में टीम अविजित लग रही थी।रोहित की कप्तानी में भारत ने इस साल वेस्टइंडीज, श्रीलंका का घरेलू मैदान पर सूपड़ा साफ किया। इसके बाद इंग्लैंड में 2-1 से सीरीज जीती।
वहीं वनडे में भी रोहित शर्मा की कप्तानी कुछ ऐसी ही थी। घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज से 3-0 से सीरीज जीतने के बाद इंग्लैंड में भी रोहित शर्मा ने 2-1 से सीरीज जीती।
वहीं टेस्ट में भी रोहित शर्मा अब तक अविजित रहे। श्रीलंका को घरेलू मैदान पर 2-0 से हराया। इंग्लैंड के खिलाफ एक मात्र टेस्ट जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में खेला गया था।
लेकिन जैसे ही एशिया कप आया रोहित शर्मा का सीरीज में अविजित रहने का रिकॉर्ड टूट गया। टॉप 6 में तो भारत का प्रदर्शन बढ़िया रहा। भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से और फिर हॉंगकॉंग को 40 रनों से हरा दिया।
उम्मीद थी कि भारत सुपर 4 में अपना यह प्रदर्शन बरकरार रखेगा। हालांकि भारत पहले पाकिस्तान और फिर श्रीलंका के हाथों 4 और 6 विकेट से मैच हारकर एशिया कप से लगभग बाहर हो गया था।
भारत के वापसी टिकट पर कल पाकिस्तान ने मुहर लगा दी जब नसीम शाह के लगातार 2 छक्कों ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान पर 1 विकेट से जीत दिला दी।
अब यह साफ हो गया है भारत साल 2022 में पहली बार रोहित शर्मा की कप्तानी में एक टूर्नामेंट या कप हार चुका है क्योंकि फाइनल में श्रीलंका और पाकिस्तान पहुंच चुके हैं।
साल 2018 में रोहित की कप्तानी में जीता था एशिया कप गौरतलब है कि पिछली बार रोहित शर्मा की अगुवाई में भारत ने एशिया कप जीता था। सुनील गावस्कर के बाद रोहित शर्मा ऐसे पहले कप्तान बने थे जो बतौर कप्तान अपना पहला एशिया कप जीता।
2018 भारत ने अंतिम गेंद पर बांग्लदेश को 3 विकेट से हराकर सातवीं मर्तबा एशिया कप जीतने में कामयाबी हासिल की थी। भारत ने भले ही मैच जीता लेकिन बांग्लादेश खिलाड़ी अपने जांबाज प्रदर्शन से 'दिल' जीतने में कामयाब रहे थे। रोमांच की पराकाष्ठा को छूने वाले एशिया कप के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश तीसरी मर्तबा उपविजेता रहा था जबकि भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700वीं जीत हासिल की थी। शिखर धवन को 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' घोषित किया गया था।
बांग्लादेश ने टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी की चुनौती को स्वीकार करते हुए लिटन दास के 121 रनों की बदौलत 48.3 ओवर में 222 रन बनाए थे। 120 रन तक उसका पहला विकेट गिरा था जबकि शेष 9 बल्लेबाज 102 रन बनाकर आउट हो गए थे।चाइनामैन कुलदीप यादव ने 45 रन देकर 3 विकेट झटके थे। भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 223 रन बनाते हुए सातवीं बार एशिया कप पर अपने नाम किया था।
इस पूरे टूर्नामेंट में भारत ने 1 भी मैच नहीं गंवाया था। टीम इंडिया ने हॉंगकॉंग को 26 रन और पाकिस्तान को दो बार 8 विकेट और 9 विकेटों से हराया था। बांगलादेश को भी बड़ी हार दी थी और फिर अफगानिस्तान से मैच टाई करा फाइनल में जगह बनाई थी।