स्त्री को देवी समान दर्जा देने वाले भारत देश की महिलाओं ने अपने प्रयासों, अपने कार्यों और अपने लक्ष्यों के बल पर दुनियाभर में सम्मान और वही देवी का दर्जा हासिल किया है। राजनीति, उद्योग, समाजसेवा, खेल या फिर फिल्मों की ही बात क्यों न हो, भारतीय महिलाओं ने हर जगह अपनी मेहनत के बल पर पुरुष प्रधान समाज में अपनी सशक्त दावेदारी प्रस्तुत की है। पेश है एक सूची: 1828-1858 : झाँसी की रानी रानी लक्ष्मीबाई की वजह से ही 1857 में झाँसी सेनानियों का केंद्र बना। अँगरेजों के खिलाफ जमकर आग उगली थी।
1725-1795 : देवी अहिल्याबाई मालवा की राजमाता रहीं। बिना मदद के राजपाठ चलाया। न्यायप्रिय अहिल्यादेवी ने बेटे तक को मृत्युदंड दिया।
1919-1984 : इंदिरा गाँधी भारत की लौह महिला। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री। पाक को धूल चटाई, बांग्लादेश आजाद कराया। आपातकाल लगाया।
1869-1944 : कस्तूरबा गाँधी महात्मा गाँधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं। गिरफ्तार भी हुईं। बा भारत छोड़ो आंदोलन में भी सक्रिय रहीं।
1919-2005 : अमृता प्रीतम पहली पंजाबी महिला लेखक और कवयित्री। 16 साल की उम्र में पहला संकलन आया। उनके उपन्यास पिंजर पर फिल्म भी बनी।
1910-1997 : मदर टेरेसा मानव सेवा पर ही जीवन निकाला। कच्ची उम्र में ही सेवा शुरू की। कुष्ठरोग से लड़ते हुए उनको नोबल पुरस्कार मिला।
1879-1949: सरोजिनी नायडू भारत की कोकिला के नाम से जानी जाती थीं। कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। आजादी की लड़ाई में गाँधीजी की साथी।
1964 : पीटी उषा ख्यात एथलीट। गरीब परिवार से उठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम जमाया। पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार पा चुकी हैं।
1961-2003 : कल्पना चावला भारत में जन्मी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थीं। वे 1995 में नासा से जुड़ीं। नासा में उन्हें कई पुरस्कार भी मिले।
1965 : सुनीता विलियम भारत की दूसरी महिला, जिसे नासा ने अपने अंतरिक्ष अभियान के लिए चुना। उनके नाम अंतरिक्ष में चलने का रेकार्ड है।
1971 : किरण देसाई भारतीय मूल की लेखिका किरण देसाई ने अपने नॉवेल 'द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस' के लिए वर्ष 2006 का बुकर पुरस्कार जीता।
1958 : इंदिरा नूई फोर्ब्स पत्रिका ने इंदिरा नूई को दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में चौथा स्थान दिया। ये पेप्सीको की एक्जीक्यूटिव चेयरपर्सन हैं।
1907-1987 : महादेवी वर्मा ख्यात हिन्दी कवयित्री। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा जाता है। छायावाद पर कार्य किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1929 : लता मंगेशकर दुनिया की सबसे श्रेष्ठ गायिका। देश- विदेश में कई पुरस्कार मिले हैं। कई बार फिल्मफेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार।
1940 : सोनल मानसिंह देश की ख्यात ओडिसी नर्तकी। सबसे कम उम्र में इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
1954 : मेधा पाटकर सामाजिक कार्यकर्ता। नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता। आदिवासियों के लिए लड़ीं। कई पुरस्कार मिले।