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Written By अनहद

लाख-दो लाख तो आते...

राखी सावंत
IFM
आदमी मेहबूबा तो तेज़ तर्रार और बोल्ड चाहता है, पर पत्नी के रूप में उसे संस्कारों वाली लड़की चाहिए होती है। लव मैरेज के बाद अगर तेज़ तर्रार और बोल्ड लड़की खुद को साड़ी-गहनों में दफ्न न करे, तो पहले मैरेज में से लव खत्म होता है, फिर कभी-कभी मैरेज भी खत्म हो जाती है। अगर शादी के बाद लड़की को पति के लिए, समाज के लिए अपने-आप को बदलना पड़े, तो लड़की नाराज़ हो जाती है और लव उस हालत में भी नहीं बचता। अरेंज मैरेज की सफलता के कई कारण हैं। इनमें आपसी विनिमय यानी लेन-देन भी है। लड़की अपनी सेवाएँ पति और ससुराल वालों को देगी, बदले में पति और पति के परिवार वाले उसे खाना-कपड़ा और संरक्षण देंगे। इस सौदे के लिए ज़रूरी यह है कि लड़की सीधी हो, सहनशील हो, आज्ञाकारी हो...। ससुराल पक्ष के लिए लाभकारी इन लक्षणों को अच्छे संस्कार भी कहा जाता है।

सवाल यह है कि क्या राखी सावंत के लक्षण किसी की पत्नी और बहू बनने के हैं? शायद नहीं। वे माशूका और शय्या-संगिनी के रूप में तो सोची जा सकती हैं, पर पत्नी के रूप में नहीं। यही वजह है कि राखी सावंत के स्वयंवर वाले शो के लिए अब तक केवल चौदह हज़ार लड़कों ने दिलचस्पी दिखाई है। करोड़ों जवान लड़कों में से केवल चौदह हज़ार? याद रहे ये चौदह हज़ार का आँकड़ा तब है कि जब पूरे देश में लड़कों के हिसाब से लड़कियाँ कम हैं।

हर समाज ने भ्रूण परीक्षण करवा के पेट की बेटियाँ मरवा डाली हैं। अब हर समाज में कुँआरे लड़कों की तादाद बढ़ती चली जा रही है। ऐसे में भी राखी को ब्याहने के लिए केवल चौदह हज़ार लड़कों का आगे आना यही बताता है कि राखी का डांस तो सबको अच्छा लगता है, पर उनके साथ घर बसाना कोई नहीं चाहता। सबको डर यही है कि कहीं राखी सावंत सचमुच गले पड़ गईं तो? लड़के ऐसी लड़की को पसंद करते हैं, जिनका व्यक्तित्व उनके सामने कमतर हो। राखी सावंत बहुत मुँहफट हैं, बहुत भावुक और अस्थिर चित्त की हैं। उनका पहला प्रेमी अभिषेक प्रेमी कम और उनका डॉगी ज्यादा लगता था। कोई आत्मसम्मानी पुरुष नहीं चाहेगा कि उसकी हालत अभिषेक जैसी हो।

राखी सावंत मशहूर हैं, जवान हैं, सुंदर नहीं थीं तो कुदरत की गलतियाँ उन्होंने प्लास्टिक सर्जन से सुधरवा ली हैं और उनके बदन में आए दिन मरम्मत और सुधार का काम चलता ही रहता है। पैसा भी उनके पास ज़रूर होगा। इसके बावजूद केवल चौदह हज़ार लड़कों का तैयार होना अपमानजनक है। कम से कम लाख दो लाख लड़के तो तैयार होते। राखी की जगह किसी और हीरोइन का नाम होता तो दीवानों की संख्या आराम से लाखों में चली जाती। राखी सावंत की इमेज ऐसी नहीं है कि कोई उन्हें घर ले जाने की सोचे। शो का समय आते-आते लड़कों की संख्या बढ़ सकती है, पर सच कहें तो जितनी हॉट राखी खुद को समझती हैं, उतनी हैं नहीं। देखना है चौदह हज़ार में से राखी किसे चुनती हैं और किसी को चुनती भी हैं या नहीं। अगर वाकई राखी ने किसी को चुना तो देखने वाली बात यह होगी कि रिश्ता कितना चलता है।

(नईदुनिया)