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Written By वार्ता
Last Updated :नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 4 नवंबर 2007 (15:21 IST)

शेयर बाजारों में तेजी का माहौल

शेयर बाजारों में तेजी का माहौल -
मुद्रास्फीति दर में गिरावट और आर्थिक आधारभूत तत्वों की मजबूती के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की कमी के कारण देश भर के प्रमुख शेयर बाजारों में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मजबूती दर्ज हुई तथा सेंसेक्स लाभ दर्शाते बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने अमेरिका में वर्ष 2008 में मंदी के बढ़ते जोखिम के बीच पर्याप्त तकनीकी सुधार दर्ज होने के संकेत दिए हैं, जो बाजार के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।

बंबई शेयर बाजार में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सेंसेक्स चार बार 20,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को लांघ गया, लेकिन इस स्तर से उपर बंद होने में विफल रहा।

बंबई सेंसेक्स में 29 अक्टूबर को 734.50 अंकों की तीसरी सबसे बड़ी तेजी आई। अंतत: बंबई सेंसेक्स समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 733.06 अंकों की तेजी के साथ 19976.23 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताहांत यह 19243.17 पर बंद हुआ था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी समीक्षाधीन सप्ताह में पहली बार 6 000 अंक के स्तर को लाँघ गया और अंत में 230.10 अंकों की तेजी के साथ 5932.40 अंक की नई ऊँचाई पर बंद हुआ। पिछले सप्ताहांत यह 5 702 .30 पर बंद हुआ था।

मुद्रास्फीति की दर भी 20 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में 3.02 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रही।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 31 अक्तूबर को ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की है, जिसे बाजार के लिए सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।

वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इसकी पहले से उम्मीद थी तथा रिजर्व बैंक की 30 अक्टूबर की तिमाही मौद्रिक नीति की समीक्षा में इसका पहले से कयास लगाया गया था।

सेबी ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के प्रोपराइटरी सब अकाउंट को पूर्ण लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति होगी। इसके बाद मंगलवार को सेंसेक्स 20238.16 अंक के सबसे उच्चतम स्तर को छू गया। लेकिन ऑटो शेयरों को भारी झटका लगने के कारण बीएसई ऑटो इंडेक्स 193.87 अंकों की गिरावट के साथ 5 423.10 तक नीचे आ गया।

सप्ताह के दौरान बीएसई और एनएसई में कारोबार का आकार बढ़कर क्रमश: 49613 करोड़ रुपए और ।17645 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले सप्ताहांत क्रमश: 40422 करोड़ रुपए और 96626 करोड़ रुपए था।