शेहला मसूद हत्याकांड : पुलिस जांच पर उठे सवाल
भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता शेहला मसूद की हत्या की सीबीआई जाँच शुरू होने के साथ ही गुत्थी और उलझ गई है। सोमवार को सीबीआई ने जाँच के पहले ही दिन शहला की कार से पेंडल और कुछ फाइलें बरामद कर सबको चौंका दिया। इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि ऐसा कैसे संभव हुआ कि 20 दिन तक यह गाड़ी भोपाल पुलिस के पास रही, फोरेंसिक टीम ने पूरी जाँच की फिर भी उनकी नजर इन चीजों पर नहीं पड़ी।सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या देश की शीर्ष जाँच एजेंसी को गुमराह करने या फिर उच्च स्तर पर किसी को बचाने का कोई खेल तो शुरू नहीं हो गया है।दरअसल जिस गाड़ी में 16 अगस्त को शेहला मसूद की लाश पाई गई थी, उसकी तलाशी के दौरान सीबीआई को सोने का पेंडल और फाइलें मिली थीं। ये दोनों ही चीजें ऐसी नहीं हैं जिन पर जाँच पड़ताल के दौरान किसी की नजर न पड़े। तो फिर भोपाल पुलिस और फोरेंसिक टीम की नजरों से ये कैसे बची रह गईं।भोपाल के एसएसपी योगेश चौधरी ने दावा किया कि शेहला की मौत के बाद घटनास्थल व कार की एफएसएल टीम ने बारीकी से जाँच की थी। इस दौरान कार से ढाई सौ से अधिक पेपर, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त किए गए थे। शव उठाते समय उसके गले की चेन गिर गई थी, जो उसी समय परिजनों को दे दी गई थी। इसके बाद भी कार में कागज, सोने का पेंडल कहाँ से आया, कुछ कहा नहीं जा सकता। (नईदुनिया)