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Written By भाषा
Last Modified: सागर , शनिवार, 28 मई 2011 (19:46 IST)

विश्वासघाती है संघ-आचार्य धर्मेन्द्र

विश्वासघाती है संघ-आचार्य धर्मेन्द्र -
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए विश्व हिन्दू परिषद के नेता आचार्य धर्मेन्द्र ने शनिवार को यहां कहा कि संघ अब ‘परिवार’ नहीं रहा बल्कि ‘तंत्र’ बन गया है और संघ में भावना, समर्पण, त्याग व प्रेम की जगह धनलोलुपता का जोर बढ़ रहा है।

पंचखंड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र सागर में गौ सेवा संघ और अनुषंगी संगठन सरस्वती शिशु मंदिर संगठन के बीच के भूमि विवाद को सुलझाने के मकसद से यहां आए थे। इस सिलसिले में उन्होंने गौ सेवा संघ की जमीन सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधन से मुक्त कराने की मांग को लेकर शिशु मंदिर के प्रवेश द्वार पर 21 मई से सत्याग्रह शुरू किया था, जो 24 मई को आमरण अनशन में तब्दील हो गया, लेकिन यह आमरण अनशन 27 मई को बेनतीजा समाप्त हो गया।

आमरण अनशन के बेनतीजा समाप्त होने पर अपना पक्ष रखने के लिए विहिप नेता आचार्य धर्मेन्द्र ने बताया कि वे वर्ष 1980 सागर के गौ सेवा संगठन के संरक्षक हैं और आरएसएस से भी जुडे रहे हैं, लेकिन गौ सेवा संघ की जमीन सरस्वती शिशु मंदिर संगठन के कब्जे से मुक्त कराने के मामले में संघ ने उनके साथ विश्वघात किया है।

उन्होंने आमरण अनशन के बेनतीजा समाप्त होने को अपनी पराजय न मानते हुए संघ पर लगा कभी न मिटने वाला कलंक बताया।

आचार्य धर्मेन्द्र ने संघ के अनुषंगी संगठन सरस्वती शिशु मंदिर संगठन को छल, षड्‍यंत्रों व कुचक्रों का जाल बुनने वाला शिक्षा माफिया करार देते हुए कहा कि संघ के अनुषंगी संगठनों के समूह को संघ परिवार कहा जाता रहा है, लेकिन सागर के जहरीले अनुभव के बाद अब वे संघ परिवार को ‘संघ तंत्र’ कहने को विवश हैं।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के सिलसिले में राम शिलाओं के नाम पर देश भर एकत्रित किए गए धन से जुड़े सवाल पर आचार्य ने बताया कि मंदिर के नाम पर लिए गए एक-एक पैसे का हिसाब परिषद के पास है।

उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर पूरी तरह से तैयार हो चुका है, उसे सिर्फ जोड़ा जाना बाकी है। उसकी जुड़ाई में सीमेंट या किसी भी तरह के मसाले का प्रयोग नहीं होना है। अब इंतजार सिर्फ अदालत के फैसले का है।

हाल ही में अहमदाबाद में स्वामी अग्निवेश के साथ एक साधु द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार के सिलसिले में उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले साधु नित्यानंद की तारीफ करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर साधु तमाचे की जगह अपनी खड़ाऊ से वार करता।

आचार्य धर्मेन्द्र ने अमरनाथ यात्रा को पाखंड बताए जाने का बयान देने वाले स्वामी अग्निवेश को नक्सलियों व वामपंथियों का पिट्ठू बताते हुए आरोप लगाया कि कामरेड व पूर्व में प्रो. श्याम राव के नाम से पहचाने जाने वाले स्वामी अग्निवेश राज्यसभा में जगह पाने के लिए उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं। वे जिस भी आंदोलन से जुड जाते हैं, वह आंदोलन ही सत्यनिष्ठा के संदेह से घिर जाता है। (भाषा)