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Written By WD

लालू की तंत्र साधना, 'अब बाल बांका नहीं होगा'

लालू की तंत्र साधना, ''अब बाल बांका नहीं होगा'' -
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विंध्यांचल। चारा घोटाले मामले में अदालती चक्कर में परेशान लालू प्रसाद यादव अब तंत्र साधना की मदद ले रहे हैं, दूसरी ओर उनके विरोध मानते हैं कि सत्ता के लिए यह साधना की गई। शायद लालू प्रसाद यादव को उम्मीद है कि तंत्र साधना से उनके अच्छे दिन लौट आएंगे।

शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव एक बार फिर विंध्यांचल में पगला बाबा के आश्रम में तंत्र साधना के लिए हाजिरी हुए और तीन घंटे उन्होंने तां‍त्रिक पूजा की। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने परिक्रमा की और उसके बाद लालू प्रसाद यादव पगला बाबा के चरणों में घंटों बैठे रहे।

केवल लालू ही नहीं, पगला बाबा भी इस मौके पर काफी खुश नजर आए। वे अपने भक्त की भक्ति पर झूमते दिखे। बाबा ने कहा कि उन्होंने लालू को सात साल की उम्र में ही दीक्षा दी थी और उसके बाद उन्हें अपनी छाया में रखा है।

अगले पन्ने पर अब बाल भी बांका नहीं होगा....


बाबा से आशीर्वाद लेने के बाद लालू ने बाबा को चमत्कारी बताते हुए कहा कि बाबा पगला को दुश्मन की हर चाल की खबर है। बाबा ने जो उपाय किए हैं उससे अब कोई उनका (लालू प्रसाद यादव) बाल भी बांका नहीं कर सकता।

दिन भर बाबा की शरण में गुजारने के बाद लालू यादव ने दावा किया कि पगला बाबा साक्षात शिव के ही रूप हैं। अब देखना यह होगा कि पगला बाबा का 'चमत्कार' क्या लालू प्रसाद यादव को अदालती परेशानी से छूटकारा दिलाकर फिर से सत्ता दिलाएगा।

वोट बैंक के लिए खुद को धर्मनिरपेक्षता का असली झंडाबरदार घोषित करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब सत्ता के लिए विशेष अनुष्ठान और तंत्र साधना करने लगे हैं।

गौरतलब है कि लालू पहले सार्वजनिक मंचों से कर्मकांडों का विरोध करते रहे हैं, लेकिन वह अपने घर पर छठ पूजा और दुर्गोत्सव का आयोजन भी करते रहे हैं। लालू अपनी शैली में विरोधियों को घेरने के लिए टोने-टोटके को उदाहरण के रूप में भी पेश करते रहे हैं।

सन् 2011 में भी लालू की तंत्र साधना से बिहार की सियासत गरमा गई थी। (एजेंसी)