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Written By भाषा
Last Modified: लखनऊ , रविवार, 8 जनवरी 2012 (22:55 IST)

'राम' के लिए संयम बरतें राहुल

''राम'' के लिए संयम बरतें राहुल -
भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा पर राम को बेचने संबंधी टिप्पणी के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उन्हें अपनी भाषा पर संयम रखने की जरुरत है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रविशंकर प्रसाद ने कहा राम को बेचने की बात कहकर राहुल गांधी हमारे पूज्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के बारे में अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।

प्रसाद ने कहा भगवान राम के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी से यह समझा जा सकता है कि राहुल गांधी हमारी सांस्कृतिक विरासत के बारे में कितनी जानकारी रखते है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी, सोनिया गांधी के बाद दूसरे स्थान पर आते है। मगर जब केंद्र सरकार ने रामसेतु के मामले में उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में भगवान राम को काल्पनिक चरित्र करार दिया तो वह खामोश रहे।

प्रसाद ने कहा ‘रामसेतु प्रकरण में केंद्र सरकार ने अदालत में दाखिल शपथपत्र में कहा कि राम का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं था और उनका चरित्र काल्पनिक है। जब इसका विरोध हुआ तो सरकार ने वह शपथपत्र वापस लिया, लेकिन इस संबंध में सरकार की तरफ से कोई खेद प्रकट नहीं किया गया और राहुल गांधी ने तो एक शब्द भी नहीं कहा।’

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भगवान राम के बारे में जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे है वह निंदनीय है। भगवान राम देश के करोड़ों लोगों की भावना से जुड़े हुए है और राहुल को उनके बारे कोई बात कहने में अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए।

उन्होंने कहा राहुल को भारत देश और इसकी सांस्कृतिक विरासत को समझना चाहिए और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके बहुमत की भावना को आहत करने से बचना चाहिए।

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि राहुल को देश की जनता को बताना चाहिए कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने सात साल के शासनकाल में अयोध्या विवाद को सुलझाने की दिशा में क्या प्रयास किया है।

प्रसाद ने वर्ष 2004 में भाजपानीत राजग के नारे ‘इंडिया शाइनिंग’ के बारे में राहुल की उपहासात्मक टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए कहा इंडिया शाइनिंग की बात सही थी अथवा गलत, वर्ष 2004 से हम सत्ता में नहीं है। पिछले सात साल से उनकी सरकार है और आज भारत की दशा परेशान भारत की हो गई है।

उन्होंने पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत कोटे में अल्पसंख्यकों को अलग से 4.5 प्रतिशत कोटा तय करने के निर्णय के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान के विरुद्ध है और भाजपा इसका हर स्तर पर विरोध करेगी। (भाषा)