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Written By शरद जैन
Last Updated :श्रीनगर (भाषा) , बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:22 IST)

पीडीपी के दो नेता नेकां व पीडीएफ में

पीडीपी के दो नेता नेकां व पीडीएफ में -
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के साथ सत्ता में भागीदार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो प्रभावी नेता बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फोरम में चले गए। एक बागी नेता ने नया दल बना लिया।

साल की शुरुआत में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पीडीपी से निकाले गए गुलामहसन मीर ने जम्मू एंड कश्मीर डेमोक्रेटिक पार्टी (जेकेडीपी) बना ली।

गुलमर्ग विधानसभा सीट से विधायक मीर लंबे समय से कह रहे थे कि पीडीपी अब लोकतांत्रिक पार्टी नहीं रही, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती की जागीर बन गई है।

मीर ने अपनी पार्टी की घोषणा के बाद कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य में स्थायी शांति स्थापित कर लोगों के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकार बहाल करना है। उन्होंनकहा उनकी पार्टी राज्य के तीनों क्षेत्रों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के समान विकास के लिए काम करेगी।

पीडीपी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अव्यावहारिक और अप्रासंगिक मुद्दे उठाकर राज्य के लोगों को भावनात्मक तरीके से डराया जाता है और केवल खोखले नारे दिए जाते हैं।

हाल ही में पार्टी छोड़ने वाले पीडीपी के पूर्व महासचिव जाविद अहमद डार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थाम लिया। पार्टमुख्यालय में डार को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बारामूला के रफियाबाद से आए डार की मौजूदगी पार्टी को मजबूत करेगी।

मीर 2005 से पीडीपी नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने 2006 में हुए चुनावों में संग्राम सीट से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ तथा निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद शोएब लोन के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था।

पार्टी के अन्य विद्रोही बीरवा से विधायक सरफराज खान, उनके बेटे नजीर अहमद खार और जीएम बवान ने भी मीर की पार्टी में चले गए।

वयोवृद्ध ट्रेड यूनियन नेता इश्तियाक कादरी ने परिवहन मंत्री हकीम मोहम्मद यासीन की पार्टी पीडीएफ की सदस्यता ले लीउन्होंने कहा पीडीपी की नीतियों को लेकर शिकायत नहीं है पर ऐसा कैसे हो सकता है कि एक ही परिवार के तीन सदस्य स्वयं को आगे करते जाएँ और मेरे जैसे 35 साल से राजनीति कर रहे व्यक्ति की उपेक्षा होती रहे।