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Written By भाषा
Last Modified: वाराणसी , सोमवार, 11 मार्च 2013 (19:49 IST)

धरोहरों का संरक्षण सबकी जिम्मेदारी

धरोहरों का संरक्षण सबकी जिम्मेदारी -
वाराणसी। ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण न मात्र सरकार की ही जिम्मेदारी है अपितु देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य भी। ये धरोहर ही किसी भी देश की सांस्कृतिक भव्यता का प्रतीक है।

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इसी विचार को मानते हुए काशी मरणानमुक्ति के लेखक मनोज ठक्कर एवं यूनाइटेड वर्क्स कॉर्पोरेशन (यूडब्ल्यूसी) के सभी सदस्यों ने यह बीड़ा उठाया और पहला कदम काशी में राजघाट स्थित आदिकेशव मंदिर के‍ जीर्णोद्धार के रूप में लिया।

वर्षों से जो भव्य मंदिर रखरखाव के अभाव में अपनी भव्यता खो चला था वह आज पुन: दमक रहा है और इस कार्य के लिए काशी की प्रसिद्ध संस्था मोक्षदा तीर्थ सेवा निधि ने मनोज ठक्कर को वह सम्मान दिया, जो साधारणत: किसी महंत को दिया जाता है।

समिति ने उन्हें विश्व प्रसिद्ध पंचक्रोशी यात्रा के समापन समारोह का अध्यक्ष मनोनीत किया। साथ ही मुख्य अतिथि राज्यमंत्री लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग सुरेन्द्रसिंह पटेल द्वारा उनका श्रीफल एवं शाल भेंटकर सम्मान किया और स्मृति चिह्न भी प्रदान किया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि आरपी सिंह, नगर आयुक्त रहे। पंचक्रोशी यात्रा का शुभारंभ महाशिवरात्रि से एक दिवस पूर्व किया जाता है और शिवरात्रि के दिन सभी यात्री काशी की इस प्रदक्षिणा को पूर्ण कर यात्रा समाप्त करते हैं। यह यात्रा 65-70 किलोमीटर की होती है और इसके सभी यात्री बगैर कुछ खाए-पिए व्रत रखकर इस यात्रा को करते हैं। इस यात्रा में लगभग ढाई लाख लोगों ने हिस्सा लिया।

मनोज ठक्कर ने अपने संबोधन में इसे स्वयं का सम्मान न मानकर संपूर्ण इंदौर का सम्मान माना। यह प्रथम अवसर था जहां इंदौर के किसी व्यक्ति को काशी जैसी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरा पर ऐसे किसी पद पर सम्मानित किया गया।

एक अन्य कार्यक्रम में आदिकेशव मंदिर के ‍ट्रस्टियों एवं काशी के गणमान्य लोगों ने मंदिर परिसर में ही ठक्कर एवं यूडब्ल्यूसी के सदस्यों को सम्मानित किया।