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Written By भाषा

गरीबी बेचने का आरोप नया नहीं-अमोल पालेकर

गरीबी बेचने का आरोप नया नहीं-अमोल पालेकर -
ऑस्कर के लिए 10 नामांकन हासिल करने वाली फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर पर भारत की गरीबी बेचने के आरोपों के संबंध में फिल्म निर्देशक अमोल पालेकर ने कहा है कि यह आरोप नया नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरी लॉबिंग नहीं हो पाने के कारण हमारी फिल्में ऑस्कर में पिछड़ जाती हैं।

मशहूर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर ने कहा कि ऑस्कर के लिए गुलजार और एआर रहमान का नामांकन होने से एक बात एकदम साफ हो गई है कि जो हॉलीवुड भारतीय सिनेमा के अविभाज्य अंग गीतों और नृत्य को पचा नहीं पा रहा था, उसे अब इन्हें स्वीकारना ही पड़ा है।

उन्होंने कहा कि अभी तक भारतीयों को उनके फिल्म निर्माण के तौर-तरीकों के लिए कमतर आँका जाता था, लेकिन मुझे खुशी है कि हमें हमारे ही अंदाज में कबूला गया है।

स्लमडॉग मिलियनेयर में गरीबी बेचने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है। इस वक्त अमिताभ बच्चन सहित कुछ अन्य लोग देश की गरीबी बेचने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं अपने जमाने की मशहूर अदाकारा नर्गिस ने सत्यजीत रे पर यही आरोप लगाया था जबकि उनकी फिल्म मदर इंडिया में गरीबी का ही चित्रण किया गया है। उल्लेखनीय है कि मदर इंडिया ऑस्कर अवॉर्ड में विदेशी श्रेणी के लिए जाने वाली पहली भारतीय प्रविष्टि थी।

पालेकर ने कहा कि हमारी फिल्मों में आम रास्ते पर लड़की के साथ छेड़खानी करते हुए गाने वाला नायक दिखाया जाता है। विदेशियों को भी हम ये ही फिल्में दिखाते हैं जो किसी भी स्थिति में हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं।

उन्होंने प्रश्न किया कि भारत की इस इमेज को बेचने का इरादा रखने वालों का क्या किया जाए। फिल्मों में नायक का इस प्रकार चित्रण किसी भी सभ्य भारतीय को स्वीकार्य नहीं होगा।

गौरतलब है कि 2005 में अमोल पालेकर निर्देशित फिल्म पहेली आस्कर की विदेशी फिल्म श्रेणी में भारतीय प्रविष्टि के तौर पर शामिल हुई थी। अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार से सजी यह फिल्म ऑस्कर के लिए नामांकन हासिल करने में भी विफल रही।

ऑस्कर अवॉर्ड के लिए लाबिंग सिस्टम को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए पालेकर ने कहा कि हमारी विफलता इसे न समझ पाने में छिपी है। हम वोट करने वालों तक अपनी बात नहीं ले जा पाते। संभवत: यही मुख्य कारण है जिसके चलते अभी तक विदेशी श्रेणी में किसी भी भारतीय फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड नहीं मिल पाया है।

उन्होंने कहा कि हम लोग ऑस्कर को लेकर देश में तो बहुत हंगामा करते हैं और अमेरिका में जाकर प्रवासी भारतीयों के बीच भी काफी हंगामा किया जाता है लेकिन नामांकन करने वालों पर प्रभाव बनाने से चूक जाते हैं।

अभी तक मुख्यधारा का ऑस्कर अवॉर्ड फिल्म गाँधी में ड्रेस डिजाइनिंग के लिए भानु अथैया को मिला था जो कि ब्रिटिश निर्माता की फिल्म थी और स्लमडॉग मिलियनेयर भी एक ब्रिटिश निर्माता की फिल्म है।