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Written By भाषा

कांग्रेस को महंगी पड़ी कामत की अनदेखी

कांग्रेस को महंगी पड़ी कामत की अनदेखी -
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गोवा के निवर्तमान मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर पेश किया होता तो सत्तारूढ़ दल का प्रदर्शन बेहतर होता। गोवा विधानसभा चुनावों में भाजपा बहुमत हासिल कर नई सरकार बनाने जा रही है।

कामत ने कहा कि अगर तीन मार्च को हुए चुनाव पूरी तरह उनके नेतृत्व में लड़े जाते तो स्थिति बिल्कुल अलग होती।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि चुनाव पूरी तरह मेरे नेतृत्व में नहीं लड़े गए। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर पेश किया होता तो तस्वीर बिल्कुल अलग होती। लोगों ने शायद यह सोचा होगा मुझे दरकिनार कर दिया गया है।

कांग्रेस की हार के लिए यह भी एक कारण है। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे को चुनाव प्रचार प्रभारी नियुक्त किया था।

कामत ने ज्यादातर प्रचार अपने विधानसभा क्षेत्र मारगाओ में ही किया। इस सीट से बाहर प्रचार के लिए वह सिर्फ दो बार गए जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया था।

वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 16 सीटें जीती थीं जबकि इस बार उसे केवल नौ सीटें ही मिल पाई हैं। भाजपा-एमजीपी गठबंधन ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 24 सीटें हासिल की हैं।

कामन ने कहा कि ऐसी हार की कांग्रेस ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी विश्लेषण करेगी कि ऐसे नतीजे क्यों मिले। (भाषा)