शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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Written By अरविन्द शुक्ला

उत्तरप्रदेश में 'समाजवादी पेंशन योजना'

40 लाख परिवारों में एक लाभार्थी होगा लाभान्वित

उत्तरप्रदेश में ''समाजवादी पेंशन योजना'' -
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लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें 'समाजवादी पेंशन योजना' भी शामिल है।

मंत्रिपरिषद ने समाज के सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सही प्रतिनिधित्व देते हुए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे गरीब परिवारों, जिनके पास आय के उपयुक्त साधन नहीं हैं, के जीवन-यापन, आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2014-15 में 'समाजवादी पेंशन योजना' के नाम से नई योजना संचालित करने का फैसला किया है। यह योजना शासन द्वारा निर्धारित तिथि से प्रारम्भ की जाएगी।

इस योजना के तहत परिवार के मुखिया को न्यूनतम 500 रुपए प्रतिमाह ई-पेमेंट के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। समाजवादी पेंशन योजना द्वारा प्रदेश स्तर पर 40 लाख परिवारों के तहत प्रत्येक परिवार के एक लाभार्थी को लाभान्वित किया जाएगा।

इस प्रकार इस योजना से लगभग 2 करोड़ आबादी आच्छादित की जाएगी। इसके तहत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के 12 लाख परिवारों को, अल्पसंख्यक वर्ग के 10 लाख परिवारों को तथा पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग के 18 लाख परिवारों को योजना से आच्छादित किया जाएगा। इस प्रकार लाभान्वित परिवारों में अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार 30 प्रतिशत, अल्पसंख्यक वर्ग के 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के परिवार 45 प्रतिशत होंगे।

योजना के तहत लाभान्वित किए जाने वाले परिवार के मुखिया को नियमित रूप से शर्तों के साथ निर्धारित मासिक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मुखिया को परिवार के 6 से 14 आयु वर्ग के बालक-बालिका को अनिवार्य रूप से विद्यालय में नामांकित कराना होगा। परिवार के स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करानी होगी।

पेंशन प्राप्त होने के पश्चात परिवार के 15 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक ऐसे सदस्य को जो साक्षर नहीं हैं, साक्षरता मिशन कार्यक्रम में सम्मिलित कराना होगा। साथ ही परिवार के 6 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण भी कराना होगा। इसके अलावा लाभान्वित परिवार में गर्भवती महिला का संस्थागत प्रसव भी योजना का लाभ प्राप्त करने वाले परिवार के लिए अनिवार्य किया गया है।

लाभान्वित परिवार के 6 से 14 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को वर्ष में कम से कम एक बार स्कूल में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। इन शर्तों का मूल्यांकन लाभार्थी को पेंशन प्राप्त होने के पश्चात किया जाएगा।

निर्धारित शर्तों का अनुपालन न करने पर प्रथम वर्ष के उपरान्त लाभान्वित परिवार के मुखिया की पेंशन निरस्त की जा सकती है। साथ ही शर्तों का पालन करने वाले मुखिया को प्रतिवर्ष 50 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि की जाएगी। योजना के तहत लाभान्वित परिवार को देय अधिकतम पेंशन धनराशि 750 रुपए प्रतिमाह होगी।

बेसिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सेवाएं समाजवादी पेंशन योजना के अन्तर्गत चयनित समस्त परिवारों को अनिवार्यतः सुचारु एवं सुनिश्चित तौर पर उपलब्ध हों। चयन के समय अथवा वार्षिक सत्यापन के दौरान यदि परिवार का कोई सदस्य कतिपय किसी भी एक श्रेणी के अन्तर्गत आता है, तो वह परिवार इस योजना से बाहर माना जाएगा।

यदि विधवा, विकलांग अथवा वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत लाभान्वित हो रहा है या प्रदेश शासन द्वारा संचालित योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर रहा है, तो परिवार इस योजना से बाहर माना जाएगा। इसी प्रकार जिसके पास 0.5 हेक्टेयर सिंचित अथवा 01 हेक्टेयर असिंचित से ज्यादा भूमि उपलब्ध है (बुन्देलखण्ड क्षेत्र, मिर्जापुर एवं सोनभद्र में यह सीमा क्रमशः 01 हेक्टेयर सिंचित एवं 02 हेक्टेयर असिंचित भूमि होगी) या जिसके पास किसी भी प्रकार का मोटराइज्ड वाहन/मशीनीकृत कृषि उपकरण होगा, वह परिवार भी योजना से बाहर माना जाएगा।

परिवार का कोई सदस्य सरकारी/गैर सरकारी/एनजीओ/निजी संगठनों में नियमित वेतनभोगी कर्मचारी होने, कोई भी सदस्य का आयकर दाता होने अथवा सरकारी/अर्द्धसरकारी सेवानिवृत्त पेंशन पाने वाले सदस्य होने की स्थिति में भी परिवार को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

योजना के अन्तर्गत पात्र पाए गए परिवार के आवेदकों का वरीयता क्रम भी निर्धारित किया गया है। इसके तहत जो 'रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना' के अन्तर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे हों एवं समाजवादी पेंशन योजना के लिए अर्न्तगत न हों, जो भूमिविहीन हों, जिनकी मुखिया एकल महिला (जो या तो विधवा/तलाकशुदा) हो, जिसमें विकलांग व्यक्ति मुखिया हो तथा विकलांगता कम से कम 50 प्रतिशत हो तथा ऐसा परिवार जिसके मुखिया की उम्र 50 वर्ष या उससे अधिक है।

योजना में चयन के उपरान्त परिवार के मुखिया को रानी लक्ष्मी बाई पेंशन योजना के अन्तर्गत पेंशन की सुविधा स्वमेव समाप्त हो जाएगी। समाजवादी पेंशन योजना क्रियान्वित होने के पश्चात‌ रानी लक्ष्मी बाई पेंशन योजना स्वतः समाप्त हो जाएगी।
योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को लाभार्थी बनाया जाएगा। महिला मुखिया न होने की दशा में परिवार के पुरुष मुखिया को लाभार्थी बनाया जाएगा।

लाभार्थियों का चयन समुचित प्रचार-प्रसार कराने के बाद ग्राम पंचायत की खुली बैठक में पारदर्शी तरीके से कराया जाएगा। ग्राम पंचायत द्वारा संस्तुत लाभार्थियों की सूची को अन्तिम रूप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा।

समाजवादी पेंशन योजना पर प्रथम वर्ष में 2400 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च सम्भावित है। इसके अलावा यदि लाभान्वित परिवारों को देय पेंशन में 50 रुपए प्रतिमाह की वार्षिक वृद्धि की जाती है तो दूसरे वर्ष से वित्तीय भार में 240 करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी होगी और अन्ततः वर्ष 2019-20 में इस योजना पर कुल 3600 करोड़ रुपए वित्तीय भार सम्भावित है।