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Written By भाषा

ये लोग राहुल के कारण आए हैं, बाद में भाग जाएंगे: प्रियंका गांधी

ये लोग राहुल के कारण आए हैं, बाद में भाग जाएंगे: प्रियंका गांधी -
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अमेठी। सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा शनिवार को अपने भाई कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी के चुनावी प्रचार के लिए अमेठी पहुंची। एक ओर अमेठी में भाजपाइयों ने उन्हें काले झंडे दिखा कर उनका विरोध किया और काफिला रोका, तो दूसरी ओर प्रियंका ने भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी और 'आप' उम्मीदवार कुमार विश्वास पर निशाना साधा।

प्रियंका जब सभा करने पहुंची तो वह स्‍टेज पर थीं, लेकिन, माइक थामते ही वह यह कहते हुए मंच से नीचे उतर गईं, 'मैं आपको दिख नहीं रही हूं।'

प्रियंका वाड्रा ने स्मृति ईरानी पर नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि चांदनी चौक से चुनाव लड़ने के बाद वो कभी लौटकर वहां नहीं गईं। जो चांदनी चौक से चुनाव लड़ी थीं, क्या वो चांदनी चौक दुबारा गईं? चांदनी चौक से चुनाव लड़ने के बाद वो कभी लौटकर वहां नहीं गईं।

प्रियंका ने अमेठी की जनता से कहा कि आप नौटंकी समझते हैं और सच्चाई जानते हैं। आप अपने क्षेत्र में विकास चाहते हैं। आपको ऐसे नेता की जरूरत है जो दूरदर्शी हो। जब आप वोट देंगे तो याद रखें कि हम आपके लिए समर्पित हैं।

प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जिस तरह राजीवजी की आलोचना की थी वैसे राहुलजी की आलोचना करते हैं, वो लोग जो काम अमेठी में राहुलजी ने किया है उसकी मैं एक लंबी लिस्ट लाई हूं। क्योंकि इतना काम मुझे याद ही नहीं रहेगा।

राहुल गांधी ने आपके लिए इसलिए काम नहीं किया है कि वो नेता है बल्कि वो आपसे प्यार करते हैं इसलिए किया है। जो दिया है हमें देश की जनता ने दिया है, अमेठी ने दिया है। अमेठी की जनता से बढ़कर कोई नहीं है हमारे लिए। राहुलजी की दूरदर्शी सोच है। राहुल ने जब अमेठी के विकास का काम शुरू किया तो आगे का सोचकर किया कि आगे 10 दस सला में क्या होगा।

प्रियंका ने कहा कि आलोचना करना बहुत आसान है। जो दूसरी पार्टियों के लिए प्रचार करने आए हैं उनके दिल में जनता के लिए प्रेम है क्या इसलिए आए हैं? नहीं, वो सिर्फ राहुल गांधी को हराने आए हैं। मैं जहां भी काम करूं, मेरा दिल यहां है, मैं यहां आकर खुश हो जाती हूं।

प्रियंका ने कहा कि मुझे याद है कि मेरे पिता राजीव गांधी के दिल में आप लोगों के लिए कितना प्रेम था। जितना प्यार मैंने राहुल ने दिया उतना ही प्यार अमेठी के लोगों ने उन्हें दिया। वो एक नेक इंसान थे, मधुर भाषी थे। जो भी उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए किया प्रेम से किया। वे दूरभाषी थे। उन्होंने विकास किया तो वह क्षेत्र के दायरे तक सीमित नहीं थी।