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Written By भाषा
Last Modified: कोलकाता , सोमवार, 30 सितम्बर 2013 (22:50 IST)

राहुल ने पूरे देश का अपमान किया-राजनाथ सिंह

राहुल ने पूरे देश का अपमान किया-राजनाथ सिंह -
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कोलकाता। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि दोषी जनप्रतिनिधियों से संबंधित अध्यादेश के खिलाफ तीखी टिप्पणी कर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और पूरे देश का अपमान किया है और उनके कदम से अराजकता पैदा हो सकती है।

सिंह ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष और राहुल गांधी उपाध्यक्ष हैं। लेकिन जब हमारे प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति से उनका मिलने का कार्यक्रम है, ऐसे समय राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की, जो पूरे देश के लिए शर्मनाक है।

सिंह ने कहा, राहुल गांधी ने न सिर्फ प्रधानमंत्री बल्कि पूरे देश का अपमान किया और विश्व के सामने हमारे आत्मसम्मान को भी ठेस लगी। उन्होंने कहा, कोई मुझसे यह सवाल कर सकता है कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री प्रतिद्वंद्वी पार्टी से हैं।

सिंह ने कहा, हम उन्हें कहना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते, वे पूरे देश के नेता होते हैं। जब वे किसी दूसरे देश का दौरा कर रहे होते हैं तो वे पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जब किसी विदेशी दौरे पर होते हैं तो विपक्षी पार्टियां भी उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी करने से परहेज करती हैं क्योंकि उस समय वे पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी को ऐसे बयान देने से परहेज करना चाहिए था और उन्हें निजी तौर पर प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए थी। राहुल की टिप्पणी को ड्रामा करार देते हुए सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता ने संप्रग सहयोगियों सहित पूरी सरकार का अपमान किया है।

देशभर में भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड बनाने के लिए संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा कि इस प्रक्रिया से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। इसके पहले सिंह ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि दोषी जनप्रतिनिधियों से संबंधित अध्यादेश को फाड़कर फेंक देने जैसी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी से अराजकता पैदा हो सकती है।

उन्होंने कहा, अध्यादेश को फाड़ देना उचित नहीं है। क्या राहुल अराजकता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। वे इसके बदल कह सकते थे कि कैबिनेट में इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। सिंह ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि जब स्थिति की मांग हो तो उन्हें ऐसे मुद्दों पर चुप रहने के बदले बोलना चाहिए।

देश की विदेश नीति की आलोचना करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि चीन और अन्य पड़ोसी देश भी भारत को आंखें दिखाने का साहस कर रहे हैं। समुदायों से संपर्क करने का प्रयास करते हुए सिंह ने कहा कि सभी समुदायों को आगे आना चाहिए। (भाषा)