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Written By भाषा

राकांपा का महाराष्ट्र में 24 सीटों पर दावा

राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करे कांग्रेस-पवार

राकांपा का महाराष्ट्र में 24 सीटों पर दावा -
कांग्रेस पर दबाव बढ़ाते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राज्य की 50 प्रतिशत सीटों पर अपना दावा पेश किया और संप्रग की प्रमुख पार्टी को सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने को कहा।

पवार ने कहा कि हमारी इच्छा कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने की है। इससे हरेक को फायदा होगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हम विकल्प के बारे में सोचेंगे।

उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर संप्रग के घटक दलों के साथ गठबंधन नहीं करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। राज्य की 48 में से 24 सीटों के लिए पार्टी के अंदर से आ रही जोरदार माँगों के बीच पवार ने संकेत दिया कि अगर कांग्रेस नहीं झुकती है तो उनकी पार्टी को फिर से विचार करना होगा। शिवसेना के साथ राकांपा की बातचीत संबंधी खबरों की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि अभी हम संप्रग में हैं।

राकांपा के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि उनकी पार्टी चंद्रबाबू नायडू और जयललिता जैसे क्षेत्रीय नेताओं के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई औपचारिक फैसला नहीं किया गया है।

राकांपा प्रवक्ता मदन बाफना ने कहा कि पार्टी के कई पदाधिकारियों ने पवार के साथ बातचीत में जोर दिया कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन बना रहता है तो राज्य में कम से कम 24 सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया जाना चाहिए। इन नेताओं में उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल और तारिक अनवर भी शामिल थे।

एक सवाल के जवाब में पवार ने महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री का पद आधे-आधे कार्यकाल के लिए दोनों पार्टियों को दिए जाने पर जोर दिया। पवार ने कहा कांग्रेस ने हमें रास्ता दिखाया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस द्वारा अपनाए गए फार्मूले का उदाहरण दिया, जिसके तहत गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने थे।

पवार ने कहा कि हमारी इच्छा कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करने की है। मुझे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से कम से कम एक हफ्ता पहले तक कांग्रेस फैसला कर लेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस को अल्टीमेटम दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हमारा संबंध एक छोटी पार्टी से है। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को कैसे हम अल्टीमेटम दे सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने क्यों संप्रग के घटक दलों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन नहीं करने का फैसला किया तो पवार ने कहा कि हर पार्टी अपना आधार बनाने के लिए सोचती है। उसे ऐसा करने का पूरा अधिकार है।

उन्होंने कहा कि अगर हम स्थानीय स्तर पर तालमेल करते हैं तो कई बार हमें उन लोगों को साथ लेना पड़ेगा जो कांग्रेस विरोधी हैं। पवार ने कहा कि अगर कांग्रेस अपने फैसले पर आगे बढ़ती है तो हमें आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, उड़ीसा और पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में अलग रास्ता अपनाना पड़ेगा।

उन्होंने जोर दिया कि अगर संप्रग के घटक दल एक साथ चुनाव नहीं लड़े तो लोगों में भ्रम पैदा होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री का पद आधे-आधे कार्यकाल के लिए दोनों पार्टियों को दिए जाने पर जोर दिया। पवार ने कहा कि कांग्रेस ने हमें रास्ता दिखाया है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस द्वारा अपनाए गए फार्मूले का उदाहरण दिया। पवार ने कहा कि इसके जरिए गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने थे।

पवार ने कहा कि उनकी पार्टी चंद्रबाबू नायडू और जयललिता जैसे क्षेत्रीय नेताओं के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई औपचारिक फैसला नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमने उनसे कहा कि हम राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ जाना चाहते हैं। पवार ने कहा कि राकांपा महाराष्ट्र के बाहर करीब 20 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है।