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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 8 सितम्बर 2010 (23:47 IST)

मनमोहन बोले- मैं ज्योतिषी नहीं

आने वाले महीनों में घटेगी महँगाई-प्रधानमंत्री

मनमोहन बोले- मैं ज्योतिषी नहीं -
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प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने बुधवार को उम्मीद जाहिर की कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति कम हो जाएगी, जो अभी दोहरे अंक के करीब है।

प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर इफ्तार की दावत के दौरान कहा कि यह कम हो रही है। आने वाले महीनों में और कम होगी। यह पूछे जाने पर कि महँगाई पर कब तक पूरी तरह से काबू किया जा सकेगा, मनमोहनसिंह ने तपाक से कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूँ।

गौरतलब है कि जुलाई में समग्र मुद्रास्फीति 9.97 प्रतिशत दर्ज की गई और अगस्त के आँकड़े अगले सप्ताह आने की उम्मीद है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर जून माह तक लगातार पाँचवे महीने 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। 21 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 10.86 प्रतिशत दर्ज की गई है।

ओएनजीसी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है। किस किस कंपनी का होगा, यह मुझे पता नहीं हैं। हमारे पास सक्षत वित्तमंत्री (प्रणब मुखर्जी) हैं और वे इसे देख रहे हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 40 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।

प्रधानमंत्री ने पिछले महीने महँगाई के बारे में कहा था कि सरकार ऊँची मुद्रास्फीति पर नियंत्रण तथा गरीबों को इसके असर से बचाने के हरसंभव प्रयास कर रही है।

जुलाई में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मनमोहन ने कहा था कि महँगाई की दर इस साल दिसंबर तक छह प्रतिशत पर आ जाएगी।

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि मुझे मालूम है कि पिछले कुछ महीनों में उच्च मुद्रास्फीति के कारण आपको परेशानी पेश आई है। बढ़ती कीमतों (विशेष तौर पर रोजमर्रा के उपयोग वाली खाद्यान्न, दालें और सब्जियों) से सबसे अधिक प्रभावित गरीब हो रहे हैं।

हम बढ़ती कीमतों का गरीबों पर पड़ने वाले भार को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष भाजपा और वाम दल सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे हैं और संसद की कार्यवाही में इस मुद्दे के कारण लगभग एक सप्ताह तक बाधा पेश आई। (भाषा)