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Written By वार्ता

भगतसिंह को 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि

भगतसिंह को 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि -
राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को शहीदे आजम भगतसिंह की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गई और उनकी याद में रैलियाँ निकाली गईं।

आजादी की लौ को देश में फैलाने के उद्देश्य से इस मौके पर आजादी एक्सप्रेस अपने लंबे सफर पर निकल पड़ी। इस मौके पर अमृतसर में राष्ट्रीय स्तर का समारोह आयोजित किया गया।

राजधानी के शहीद पार्क में आयोजित एक समारोह में हजारों लोगों ने भाग लिया और इस अवसर पर भगतसिंह की कुर्बानी को याद किया गया। शहीद भगतसिंह जन्म शताब्दी समारोह समिति द्वारा आयोजित इस समारोह में इस समिति द्वारा एक वर्ष पहले शुरू किए गए कार्यक्रम का समापन भी किया गया। देश में विभिन्न हिस्सों में भगतसिंह की जन्म शताब्दी को मनाने के लिए एक वर्ष पहले कार्यक्रम शुरू किया गया था।

इस अवसर पर भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमाओं पर पुष्पमाला चढ़ाकर समारोह का शुभारंभ किया गया। भगतसिंह का जन्म पंजाब में वर्ष 1907 में हुआ था।

अमर शहीद भगतसिंह के संकल्प को लेकर देश में आजादी की लौ को दूर-दूर तक फैलाने के लिए 'आजादी एक्सप्रेस' आज से अपने लंबे सफर पर निकल पड़ी। शहीदों की कुर्बानी और उनके त्याग तथा संघर्ष की रोमांचक कहानी लेकर यह रेलगाड़ी आठ महीने में पूरे भारत की परिक्रमा कर देशवासियों विशेषकर युवा पीढ़ी को आजादी का पैगाम देगी

मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुनसिंह ने इस रेलगाड़ी को यहाँ सफदरगंज रेलवे स्टेशन पर झंडी दिखाकर रवाना किया।

वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, आजादी की 60वीं वर्षगाँठ और शहीद भगतसिंह की जन्मशती के मौके पर शुरु हुई। आजादी एक्सप्रेस के बारह डिब्बों में आजादी के पूरे इतिहास को दुर्लभ चित्रों, ऑडियो, वीडियो, कटआउट आदि के जरिये पूरी तरह समेटा गया है।

शिरोमणि अकाली दल (बादल) के महासचिव ओंकारसिंह थापर ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को पत्र लिखकर इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि शहीदे आजम भगतसिंह के सौवें जन्मदिन पर सरकारी स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं आयोजित किया गया।

पंजाब के अमृतसर से मिली जानकारी के अनुसार भगतसिंह की सौवीं जयंती पर आयोजित समारोह में भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रसिंह हुड्डा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवनचंद्र खंडूरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने इन तीनों शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को भी भाग लेना था, लेकिन हाल ही हुए ऑपरेशन के मद्‍देनजर चिकित्सकों के आराम करने की सलाह के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सके।
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