Last Modified: नई दिल्ली ,
सोमवार, 7 दिसंबर 2009 (22:59 IST)
पृथक तेलंगाना के पक्ष में उतरी भाजपा
नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए तत्काल विधेयक लाने की माँग की।
लोकसभा में भाजपा की उपनेता सुषमा स्वराज ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन कि लिए आंदोलन ने तीव्र रूप ले लिया है और चौदह लोगों ने आत्महत्या की है, जिनमें सभी उम्रवर्ग के लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी वर्षों से तेलंगाना राज्य के गठन की माँग का समर्थन कर रही है। भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में तीन नए राज्यों झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ का गठन किया गया था। राजग सरकार तेलंगाना राज्य का भी गठन करती, लेकिन उस वक्त गठबंधन सरकार में शामिल तेलुगू देशम पार्टी इसकी पक्षधर नहीं थी, इसलिए विधानसभा से इस बारे में प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।
भाजपा नेता ने सरकार से पृथक तेलांगना राज्य के गठन के लिए तत्काल विधेयक लाने की माँग की और कहा कि अगर विधेयक आता है तो इसके पारित होने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इससे पृथक राज्य के गठन की लोगों की वर्षों से चली आ रही प्रतीक्षा समाप्त होगी और आंदोलन को लेकर जा रही जिंदगियाँ बचाई जा सकेंगी।
सुषमा स्वराज की बात का जदयू के शरद यादव ने भी समर्थन किया। उधर राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा के एम. वेंकैया नायडू ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक पूर्व मंत्री इसी मुद्दे पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अलग राज्य बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
कांग्रेस भी खिलाफ नहीं : पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए आंदोलन के तेज होने के साथ ही कांग्रेस ने टीआरएस के नेता के चन्द्रशेखर राव से विवेकपूर्ण रुख अख्तियार करने की अपील की। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पार्टी ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि वह तेलंगाना के खिलाफ नहीं है बशर्ते कि आम सहमति बने। (भाषा)