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Written By भाषा
Last Modified: चेन्नई , रविवार, 5 जून 2011 (19:28 IST)

द्रमुक की हार का राष्ट्रीय महत्व-आडवाणी

द्रमुक की हार का राष्ट्रीय महत्व-आडवाणी -
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु विधानसभा में द्रमुक की हार का राष्ट्रीय महत्व है क्योंकि इससे साबित हो गया है कि आम आदमी के लिए ‘भ्रष्टाचार का मुद्दा’ आज भी मायने रखता है।

आडवाणी ने कहा कि मैंने अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता से कहा कि यदि उनकी जीत नहीं होती तो यह संदेश जाता कि भ्रष्टाचार आम आदमी के लिए मायने नहीं रखता। भाजपा नेता संभवत: 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का जिक्र कर रहे थे, जिसके चलते द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी और पार्टी नेता तथा पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा जेल में हैं।

आडवाणी ने कहा कि मुझे लगता है कि इन घोटालों के मद्देनजर इन चुनावों का केंद्र सरकार के लिए भी राष्ट्रीय महत्व है, जो इन घोटालों का दोष अपनी सहयोगी द्रमुक पर डाल रही है। पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने हालांकि तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने जयललिता को अपनी पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित करने से इनकार कर दिया।

उनसे पूछा गया कि क्या वे अन्नाद्रमुक प्रमुख को भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए आमंत्रित करेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि वह समय अभी नहीं आया है। अब तक सत्ता में रही द्रमुक को प्रदेश में 13 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में केवल 23 सीटें मिलीं, जिसके चलते वह मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका के भी योग्य नहीं बची है।

यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी तमिलनाडु में एक भी सीट क्यों नहीं हासिल कर सकी, आडवाणी ने कहा कि ऐसे प्रदेश में, जिसमें राजनीति की धुरी केवल दो पार्टियां हैं, वहां किसी और के लिए जीत हासिल करना ‘असंभव’ है।

वाम दलों पर हमला बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा कि एक समय में गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों से भी कम्युनिस्ट पार्टियों के सांसद लोकसभा तक पहुंचते थे, लेकिन अब ये दल केवल पश्चिम बंगाल और केरल जैसे प्रदेशों तक ही सिमट कर रह गए हैं। (भाषा)