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रविवार, 19 अक्टूबर 2008 (15:57 IST)
चंद्रयान तथ्यों के आईने में
-वेबदुनिया डेस्क अभियान-चंद्रयान-1 22 अक्टूबर, सुबह 6:20 बजे होगा श्रीहरिकोटा (चेन्नई से सौ किलोमीटर दूर) से लॉन्च व्हीकल पीएसएलवी-सी 11 द्वारा 1380 किलो वजन
क्या करेगा चंद्रयान *पहली बार भारत का कोई सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाएगा। *100 किमी ऊपर से चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाएगा और दो साल वहाँ रहेगा। * यह एक इंस्ट्रूमेंट चंद्रमा की सतह पर भेजेगा और उसकी छानबीन करेगा। *ऐसा पहली बार होगा, जब चंद्रमा के पूरे इलाके का नक्शा तैयार किया जाएगा। *चंद्रमा के पास और दूर से एक थ्री-डी एटलस बनाएगा। *चंद्रयान 11 इंस्ट्रूमेंट लेकर जाएगा, जिनमें से 5 भारत के और 6 विदेशी होंगे। *यह साढ़े पाँच दिन में चंद्रमा की सतह पर पहुँच जाएगा। *वहाँ मौजूद तमाम रसायनों और खनिजों के बारे में जानकारी जुटाएगा। *परमाणु रिएक्टरों के लिए साफ ईंधन हीलियम-3 का पता लगाएगा। *अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए चंद्रमा पर बेस स्टेशन बनाने की संभावना टटोलेगा। *चंद्रमा पर पानी की संभावना की तलाश करेगा। *चंद्रमा के जन्म के रहस्यों का पता लगाएगा।
अंतरिक्ष पटल पर उभरते हम *इसी साल 28 अप्रैल को 10 उपग्रह एक साथ सफलतापूर्वक छोड़कर भारत ने बनाया रेकॉर्ड। *बीते साल इटली का सैटलाइट छोड़ने के बदले में पाए 1.10 करोड़ डॉलर। *भारत के कुल 11 कम्युनिकेशन सैटलाइट (एशिया में सबसे ज्यादा) अंतरिक्ष में। *भारत द्वारा निर्मित और संचालित 7 रिमोट सेंसिंग सैटलाइट भी अंतरिक्ष में मौजूद। *रिमोट सेंसिंग इमिज के कुल एक-तिहाई मार्केट पर भारत का कब्जा।
और भी हैं अभियान चंद्रयान-2 : भारत चंद्रयान-2 पर काम शुरू कर चुका है। इसे 2011 में भेजा जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर रूस भी भारत का सहयोग कर रहा है। इसमें स्पेसक्राफ्ट के अलावा एक मून रोवर भी होगा। यह चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहाँ से मिट्टी और चट्टान के सैंपल लेगा। इसके बाद उसकी जाँच कर डेटा स्पेसक्राफ्ट को भेजेगा।
मानव वाला अभियान : भारत ने मानव वाला चंद्र अभियान का भी ऐलान किया है। इसरो की 2014 तक अंतरिक्ष यात्री भेजने और 2020 तक चंद्रमा पर इंसान भेजने की योजना है।