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Written By भाषा

कुमार गंधर्व के पुत्र मुकुल लापता

कुमार गंधर्व के पुत्र मुकुल लापता -
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के स्तंभों में से एक रहे कुमार गंघर्व के पुत्र और जाने-माने गायक मुकुल शिवपु़त्र संदेहास्पद स्थिति में लापता हो गए हैं, जिससे कला बिरादरी में चिंता है। हालाँकि मुकुल के बेटे ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

इस प्रतिभाशाली गायक के पुत्र और कुमार गंधर्व के प्रपौत्र भुवनेश कोमकली से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

मध्यप्रदेश सरकार ने कल संस्कृति विभाग को मुकुल शिवपुत्र को ढूँढ़ने का निर्देश दिया। पिछले कुछ दिनों से वे भोपाल स्थित साँई बाबा मंदिर आते-जाते रहे थे। समझा जाता है कि कुछ अज्ञात लोग उन्हें कल गाड़ी में बैठाकर ले गए।

उनके बेटे ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और इस विषय में मैं कोई बात नहीं करना चाहता। कला क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने कहा कि परिवार वाले भी क्या कर सकते हैं। कोई शराब या ड्रग्स की गिरफ्त में हो तो परिवार भी बुरी तरह प्रभावित होता है।

भारतीय कला के प्रसार से जुड़ी संस्था स्पिक मैके ने एक बार उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती भी कराया था, लेकिन बात बनी नहीं।

स्पिक मैके के संस्थापक डॉ. किरण सेठ ने मुकुल को संगीत का खजाना बताते हुए कहा कि तीन-चार साल हुए हमने उनका यहाँ मेहरौली में स्थित एक रिहैबिलिटेशन क्लिनिक में महीनों इलाज कराया था और पाँच-छह महीने वे मेरे घर में भी रहे। तब उनकी शराब की लत छूट गई थी, लेकिन ऐसे लोगों को लगातार एक संबल चाहिए होता है, जो शायद नहीं मिल पाया।

संगीत के प्रचार-प्रसार में लगे आईआईटी दिल्ली में अप्लायड मैथेमेटिक्स के अध्यापक सेठ ने कहा कि मुकुल बहुत ही प्रतिभाशाली और बेहद रचनात्मक कलाकार हैं। उन्होंने बहुत शोध किया है और खूब लिखा है और वे संगीत की गहरी समझ रखने वाले कलाकार हैं।

आखिर में सेठ ने एक अपील की कि यदि आपको उनकी कोई खबर मिले तो मुझे बताएँ। मैंने कुछ पैसे बचा रखे हैं। मैं एक बार फिर से इस रत्न पर पड़ी धूल को झाड़-पोंछकर दुनिया के सामने लाना चाहूँगा।

इधर जाने-माने कवि और ललित कला अकादमी के अध्यक्ष अशोक वाजपेयी ने कहा कि मुकुल जैसे प्रतिभाशाली कलाकार का यह हश्र होना दुःखद है।

मुकुल को मंदिर में आखिरी बार देखे जाने के बारे में वाजपेयी ने कहा कि मंदिरों में रहने का उन्हें अभ्यास था। वे नर्मदा के किनारे नेमावर में एक मंदिर में बरसों रहे हैं। कुमारजी की 50वीं सालगिरह पर घर वापस आए भी थे, लेकिन टिक नहीं सके।

गंधर्व महाविद्यालय के प्रमुख और कुमार गंधर्व के शिष्य रहे जाने-माने गायक मधुप मुदगल ने कहा कि यह दुखदायी है। किसी संगीतकार के बारे में ऐसा कभी सुना नहीं।

मंदिर के पुजारी और यहाँ के कर्मचारियों ने बताया कि 53 वर्षीय मुकुल कुछ दिनों से बदहाली में भोपाल स्थित साँई बाबा मंदिर में आते थे और लोगों से कुछ पैसे माँगते थे। मुकुल ने एक स्थानीय टीवी चैनल को बताया कि मैं काफी समय से सोया नहीं हूँ। मैं गायक हूँ और 17 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया है।