शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. राष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Modified: चेन्नई , मंगलवार, 12 मार्च 2013 (16:12 IST)

कावेरी मुद्दे पर स्थापित हो निगरानी तंत्र : जयललिता

कावेरी मुद्दे पर स्थापित हो निगरानी तंत्र : जयललिता -
FILE
चेन्नई। कावेरी जल मुद्दे पर दबाव बढ़ाते हुए तमिलनाडु सरकार ने कहा कि केंद्र के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित करे कि राज्य को पूरे साल पानी का उचित हिस्सा मिल सके।

बीस फरवरी को केंद्र द्वारा अंतिम निर्णय अधिसूचित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में कहा कि कर्नाटक सरकार की आदत है कि वह गर्मियों में पानी के प्रवाह का रूख जलाशयों की ओर करने की बजाय उसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए करती है।

यह उल्लेख करते हुए कि कर्नाटक में कावेरी तलहटी के जलग्रहण क्षेत्रों में गर्मी में होने वाली बारिश अप्रैल के तीसरे हफ्ते में शुरू होगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि पहले भी होता रहा है, कर्नाटक कावेरी जल विवाद पंचाट के अंतिम आदेश के विपरीत पानी के प्रवाह को संरक्षित किए बिना इसका इस्तेमाल गर्मी की सिंचाई के लिए जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक को एक जून से 31 जनवरी तक के सिंचाई सत्र को मानना चाहिए, जिसकी बात अंतिम आदेश में कही गई है और उसे गर्मियों की सिंचाई के लिए पानी के भंडार को खाली करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

जयललिता ने कहा कि इसलिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि मई के पहले हफ्ते तक एक निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि 2013-14 सिंचाई वर्ष से तमिलनाडु का अधिकार सुरक्षित हो सके।

उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह जल संसाधन मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का आदेश दें कि अंतिम निर्णय के अक्षरश: क्रियान्वयन के लिए कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड तथा कावेरी जल नियमन समिति की स्थापना की जाए। (भाषा)