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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 26 मार्च 2011 (01:25 IST)

आडवाणी नहीं जानते थे हिन्दी...

सिंधी में पढ़ी थी रामायण और महाभारत

आडवाणी नहीं जानते थे हिन्दी... -
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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी शुक्रवार को अपने बचपन की यादों में खो गए और उन्होंने खुलासा किया कि 20 साल की उम्र तक उन्हें हिंदी पढ़ना-लिखना नहीं आता था और वे सिंधी भाषा में रामायण-महाभारत पढ़ते थे।

आडवाणी ने आज एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि 20 साल की उम्र तक हिंदी पढ़ना, लिखना नहीं आता था बस यह भाषा थोड़ी-बहुत ही समझ में आती थी, वह भी इसलिए कि उस वक्त हिंदी सिनेमा काफी देखते थे। उन्होंने कहा कि 20 साल की आयु तक मैं कराची (सिंध) में रहा। तब अंग्रेजी और सिंधी भाषा ही जानता था। उस वक्त मैंने अपने घर में रामायण और महाभारत सिंधी भाषा में ही पढ़े।

पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि आडवाणी ने कहा कि 20 वर्ष की उम्र के बाद मैं 10 साल तक राजस्थान में रहा और इस दौरान मैंने हिंदी का क, ख, ग सीखा। वर्ष 1990 में गुजरात के सोमनाथ से शुरू की गई अपनी रथयात्रा को याद करते हुए आडवाणी ने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन तब आया जब अयोध्या में राम मंदिर के लिए सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की।

प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘रामायण : द हिम्स ऑफ हिमालय’ के विमोचन के मौके पर भाजपा नेता ने कहा कि 1975 के बाद से मैं अनेक पुस्तक विमोचन कार्यक्रमों में शामिल हुआ हूँ। उन्होंने कहा कि सन 75 के बाद से पुस्तक रिलीज करने के लिए मुझे जो भी आमंत्रण मिलते हैं, उन्हें मैं सहर्ष स्वीकार करता हूँ और अब तक सैकड़ों पुस्तकों का विमोचन कर चुका हूँ क्योंकि 1975 से 1977 तक जेल में रहने के दौरान हमें सबसे प्रिय शब्द ‘रिलीज’ ही लगता था।

आडवाणी ने जबलपुर के अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश गुमाश्ता के इस अंग्रेजी काव्य संग्रह का विमोचन करते हुए कहा कि मुझे कविता संग्रहों के विमोचन के वक्त हीनभावना रहती है क्योंकि मैं कविता पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं रखता।

उन्होंने कहा कि हाल ही में मैंने नजमा हेपतुल्ला के भी एक अंग्रेजी काव्य संग्रह का विमोचन किया, लेकिन आमंत्रण के वक्त मैंने उनसे कहा कि यदि हमारे नेता अटलबिहारी वाजपेयी स्वस्थ होते तो मैं यह निमंत्रण नहीं स्वीकार करता, लेकिन अटलजी का स्वास्थ्य अनुमति नहीं देता इसलिए मैं चला जाता हूँ। इस मौके पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमेशचंद्र लाहोटी, साध्वी ऋतंभरा, मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री अजय विश्नोई मौजूद थे। (भाषा)